
नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर। सालों से एक ही जिले में जमे आईपीएस यानी इंदौर पुलिस सर्विस पर तबादले की जद में आ गए हैं। विधायक चौधरी सुजीत मेरसिंह की चिट्ठी के बाद 33 पुलिस अधिकारियों की सूची बनाई गई है। इसमें कुछेक ऐसे हैं, जो 17 साल से अधिक समय से इंदौर में ही जमे है। कई तो एसआई से एसीपी तक पहुंच गए, पर अंगद के पैर की तरह जिले से नहीं हटे। विधायक चौधरी सुजीत मेरसिंह ने शीतकालीन सत्र में ही सवाल उठाया था।
सालों से जमे पुलिस अधिकारियों का ब्योरा मांगा और बताया कि प्रदेश में तबादला नीति का उल्लंघन हो रहा है। मनमर्जी से पोस्टिंग करवा कर अधिकारी वर्षों तक एक ही जिले में जमे रहते है। पुलिस मुख्यालय ने संज्ञान लेते हुए कमिश्नोरेट से उन पुलिस अधिकारियों का ब्योरा मांगा, जो जिलें में 10 सालों से ज्यादा गुजार चुके हैं। सूची बनाने पर पता चला एसीपी से लेकर एसआई तक के 33 अधिकारी ऐसे हैं जो सालों से नहीं हटे। इसमें कुछेक को तो 17 साल हो चुके हैं।
राकेश गुरगेला एसीपी 13 साल 6 माह
विनोद दीक्षित एसीपी 15 साल 9 माह
अनिल यादव निरीक्षक 11 साल 3 माह
बाबूलाल कुमरावत निरीक्षक 10 साल
देवेंद्र मरकाम निरीक्षक 10 साल 1 माह
गोपाल सूर्यवंशी निरीक्षक 17 साल 4 माह
इंद्रमणि पटेल निरीक्षक 10 साल 1 माह
कैलाश मकवाना निरीक्षक(फोटो) 12 साल 6 माह
खालिद मुश्ताक निरीक्षक(बीडीडीएस) 12 साल 8 माह
मीना बौरासी निरीक्षक 10 साल 4 माह
पप्पूलाल शर्मा निरीक्षक 10 साल 10 माह
राजकुमार यादव निरीक्षक 10 साल 3 माह
राजेंद्रसिंह निरीक्षक 11 साल 10 माह
रामसिंह मौरे निरीक्षक 10 साल 1 माह
सोमा मलिक निरीक्षक 11 साल 11 माह
शिवकुमार परिहार निरीक्षक 10 साल 10 माह
कुसुम वास्कले निरीक्षक 10 साल 7 माह
प्रहलाद खंडाते एसआई 11 साल 2 माह
बैसाखु धुर्वे एसआइ 10 साल 1 माह
अरविंद मचार एसआई 10 साल 2 माह
बृजेंद्र पाठक एसआई 10 साल 2 माह
हरिसिंह मरावी एसआई 10 साल 2 माह
चैनसिंह चौहान एसआई 10 साल 2 माह
जीवनराम गौरा एसआई 10 साल 2 माह
खुमसिंह सोलंकी एसआई 10 साल 2 माह
महेश सिंह चौहान एसआई 11 साल 2 माह
मुकुंदीलाल एसआई 10 साल 8 माह
पूरणसिंह सोलंकी एसआई 10 साल 8 माह
रमेशचंद्र मुनिया एसआई 10 साल 1 माह
सुरेशचंद्र बुनकर एसआई 12 साल 2 माह
विकास शर्मा एसआई 12 साल 5 माह
योगेश राज एसआई 18 साल 10 माह
विधायक के सवाल पर सूची तो बना ली पर तबादला होना मुश्किल है। इसके पूर्व भी पुलिस मुख्यालय ने वर्षों से जमे अफसरों के नाम मांगे थे। डीजीपी कैलाश मकवाणा स्वयं तीन साल से पदस्थ पुलिसकर्मियों को बदलने की पैरवी कर चुके हैं।
ज्यातदातर अफसर ऐसे है जो जमावट से जमे है। विधानसभा और लोकसभा चुनाव के दौरान कुछ समय से लिए करीबी जिले में तबादला करवाते है और कुछ समय बाद लौट आते हैं। इसमें एडीसीपी स्तर के अफसर भी शामिल हैं।