नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर। इंदौर और मुंबई के बीच चल रही सुपरफास्ट तेजस स्पेशल ट्रेन यात्रियों को आधुनिक यात्रा अनुभव दे रही है, लेकिन प्लेटफार्म पर इस ट्रेन से यात्रियों को परेशानी होती है। ट्रेन के कोच प्लेटफार्म से ऊंचे होने से यात्रियों को उतरने और चढ़ने के लिए मशक्कत करना पड़ती है। दो सीढ़ी चढ़ने के बाद ऊपर पहुंचना होता है, इससे महिलाओं और बुजुर्गों को अधिक परेशानी होती है। ट्रेन के कोच ऊंचे होने से प्लेटफार्म और कोच के बीच में गेप बन रही है। उतरने में सावधानी नहीं रखने पर फिसलकर बीच में फसने का डर रहता है।
मुंबइ से इंदौर पहुंची तेजस स्पेशल ट्रेन शनिवार को प्लेटफार्म चार पर रूकी थी। ट्रेन से आने वाले यात्रियों को प्लेटफार्म पर उतरने में परेशानी उठाना पड़ी। पहले लगेज को नीचे खड़े अपने साथी को पकड़ाया फिर उतरते वक्त उल्टा लटककर नीचे उतरना पड़ा। कई बार लोग गिरते-गिरते बचे।
यात्रियों को उतरने के लिए खासा संघर्ष करना पड़ा। यात्री सलोनी पटेल का कहना है कि ट्रेन के कोच और प्लेटफार्म में अंतर है, ऐसे में उतरने में परेशानी होती है। अन्य ट्रेनों के कोच प्लेटफार्म के सामांतर होने से यह परेशानी नहीं होती है।
बुजुर्ग यात्री गीता बिलोदा ने बताया कि प्लेटफार्म से ऊंचा कोच होने से उतरते समय डर लगता है कि कहीं पैर फिसल न जाए। पैर फिसलने से प्लेटफार्म और ट्रेन के बीच में फंसने का डर रहता है। रेलवे के पीआरओ खेमराज मीणा ने बताया कि यह ट्रेन आधुनिक सुविधाओं से लैस है और ट्रायल के तौर पर चलाई जा रही है। यात्रियों को होने वाली असुविधा को दूर किया जाएगा।
इस ट्रेन में फर्स्ट एसी, सेकंड एसी और थर्ड एसी कोच हैं। साथ ही सभी कोच में एलसीडी स्क्रीन, वाई-फाई, स्वचालित दरवाजे, बायो-वैक्यूम टॉयलेट और आरामदायक सीट की सुविधा मिलती है। तेजस स्पेशल ट्रेन 23 जुलाई से चलाई जा रही है। यह मुंबई से सोमवार, बुधवार और शुक्रवार को रात 11:20 बजे रवाना होती है और अगले दिन दोपहर 1 बजे इंदौर पहुंचती है। वहीं, इंदौर से मंगलवार, गुरुवार और शनिवार को शाम 5 बजे चलती है और अगले दिन सुबह 7:10 बजे मुंबई पहुंचती है।