नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर: इंदौर नगर निगम क्षेत्र में कई प्रमुख स्थलों और उद्यानों के नाम बदलने की दिशा में बुधवार को बड़ा निर्णय लिया गया। नगर निगम की महापौर परिषद (MIC) द्वारा गठित समिति ने रेडिसन चौराहे का नाम भगवान परशुराम चौराहा रखने सहित दस उद्यानों, सड़कों और चौराहों के नामकरण प्रस्तावों पर सहमति दी।
समिति प्रभारी राजेंद्र राठौर की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में समिति सदस्य और यातायात विभाग प्रभारी राकेश जैन सहित विभागीय अधिकारी मौजूद थे। बैठक में शहर के विभिन्न मार्गों, उद्यानों और चौराहों के नामकरण के लिए प्राप्त प्रस्तावों पर विस्तृत चर्चा के बाद अंतिम निर्णय लिए गए।
राजेंद्र राठौर ने बताया कि जिन प्रस्तावों पर समिति की सहमति बनी है, उन्हें अब महापौर परिषद की बैठक में रखा जाएगा। परिषद की स्वीकृति मिलने के बाद इन्हें परिषद सम्मेलन में अनुमोदन के लिए भेजा जाएगा।
बैठक में जिन दस स्थलों के नाम तय हुए, वे इस प्रकार हैं-
1. केदार नगर कालोनी स्थित गणेश मंदिर उद्यान का नाम अब महाराणा प्रताप उद्यान होगा।
2. केशव नगर गरीब नवाज कालोनी स्थित उद्यान का नाम छत्रपति शिवाजी महाराज उद्यान रखा गया है।
3. स्मृति नगर चीकू वाले उद्यान का नाम देवी अहिल्या बाई होलकर उद्यान किया गया।
4. स्कीम 74 बीजी विजय नगर स्थित उद्यान, जो पहले सिसोदिया उद्यान के नाम से जाना जाता था, अब देवी अहिल्या बाई उद्यान कहलाएगा।
5. स्कीम 140 के सामने स्थित उद्यान का नाम गोविंद मालू उद्यान रखा गया है।
6. आलोक नगर उद्यान और पिपल्याहाना तालाब की पाल पर स्थित उद्यान का नाम समीर चिटनीस उद्यान रखा गया।
7. खड़े गणपति से टीसीएस चौराहा मार्ग सुपर कॉरिडोर तक की सड़क को राव तुलाराम सड़क नाम दिया गया है।
8. रेडिसन चौराहा का नाम अब भगवान परशुराम चौराहा होगा।
9. रेशम गली मार्ग का नाम स्व. धरमचंद पांचाल मार्ग रखा गया।
10. पंचम की फेल के सामने स्थित मुख्य मार्ग का नाम श्री मनमोहन पार्श्वनाथ भगवान मार्ग किया गया है।
राजेंद्र राठौर ने बताया कि इन नामों का चयन सामाजिक, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्व को ध्यान में रखकर किया गया है। उन्होंने कहा कि यह पहल शहर की पहचान और सांस्कृतिक गौरव को और सशक्त करेगी।
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MIC समिति की इस स्वीकृति के बाद नगर निगम प्रशासन अब प्रस्तावों को अंतिम मंजूरी के लिए महापौर परिषद के समक्ष रखेगा। परिषद की सहमति के बाद नामों की आधिकारिक घोषणा की जाएगी। इंदौर में इस कदम को शहर के ऐतिहासिक और धार्मिक मूल्यों के सम्मान से जोड़कर देखा जा रहा है, वहीं स्थानीय नागरिकों ने भी इन नामकरण प्रस्तावों का स्वागत किया है।