
इंदौर, नईदुनिया प्रतिनिधि Fake IAS Indore। पैरों में चप्पल, सादा पेंट और शर्ट के साथ लोगों की नजरों से बचते हुए सिर झुकाए न्यायालय के फर्जी फैसले से आइएएस बने संतोष वर्मा शनिवार को कोर्ट में पेश हुए। वर्मा को तीन पुलिसकर्मी हाथ पकड़कर कोर्ट में ले गए। जैसे ही कोर्ट पहुंचे तो किसी से नजरें मिलाए बिना ही वे पुलिस के साथ सीधे जज सतीश वसुनिया की कोर्ट में जाने लगे। पुलिस वर्मा को गलियारे के पास पत्थर के अोटले के पास ले गई। वहां भी वर्मा सिर झुकाए ही बैठे रहे। इस दौरान उनके साथ तीन पुलिसकर्मी ही मौजूद रहे।
घर-परिवार से कोई सदस्य उनसे मिलने नहीं पहुंचा। करीब आधे घंटे इंतजार के बाद जज ने अंदर बुलाया और 30 जुलाई तक ज्यूडीशियल कस्टडी के तहत जेल भेज दिया। पुलिस जब उनके हाथ पकड़कर जेल ले जा रही थी तो उनकी आंखे नम हो गई। पीछे मुड़कर देखा तो उनका अपना कोई भी वर्मा से मिलने नहीं पहुंचा। न्यायालय के फर्जी फैसले से आइएएस बने संतोष वर्मा को शनिवार ने कोर्ट ने जिला जेल भेज दिया। वर्मा को ज्यूडिशियल कस्टडी में रखा गया है।
टीआइ डीवीएस नागर ने बताया कि सीएसपी रविवार को नकल सेक्शन में पदस्थ बाबुओं के बयान लेंगे। मामले मेें संतोष वर्मा को सामान्य प्रशासन विभाग ने मंगलवार शाम को निलंबन के आदेश जारी कर दिए थे। इससे पहले पुलिस ने 14 जुलाई को आरोपित को कोर्ट में पेश किया था। यहां से उसे 17 जुलाई तक दोबारा पुलिस रिमांड पर भेज दिया था। इस मामले में शुक्रवार को संतोष वर्मा के वाइस सैंपल लिए गए थे, जिसे जांच के लिए चंडीगढ़ लैब भेजा जाएगा।
पुलिस ने वर्मा के मोबाइल से संदेही व्यक्तियो की वाट्सएप चेटिंग और कई प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों के बीच हुई बातचीत जब्त की है। बता दें कि 27 जून को एमजी रोड पुलिस ने न्यायाधीश की रिपोर्ट पर धोखाधड़ी और कूटरचित दस्तावेज तैयार करने का केस दर्ज किया था।
पुराने मामले की जांच में खुला मामला
मामला करीब चार साल पुराना है। आरोपित वर्मा तब राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी थे और एक महिला के साथ मारपीट के मामले में लसूड़िया पुलिस ने उनके खिलाफ मामला दर्ज किया था। यह मामला न्यायालय में चल रहा था। इसी बीच वर्मा का नाम आइएएस अवार्ड के प्रस्ताव में आ गया। पदोन्नति में यह मामला बाधा बनता। इसलिए वर्मा ने महिला से मारपीट के मामले में खुद को निर्दोष साबित करने के लिए कोर्ट का फर्जी फैसला बना लिया और सामान्य प्रशासन विभाग को सौंप दिया। इस आधार पर उसे आइएएस अवार्ड भी हो गया। पुराने मामले की जांच के दौरान नया मामला खुल गया।