
नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर। देश के स्वच्छतम शहर और वाटर प्लस (अपशिष्ट जल प्रबंधन) का तमगा प्राप्त कर चुके इंदौर में दूषित पानी पीने से एक-एककर 8 लोगों की मौत हो गई। घटना भागीरथपुरा क्षेत्र की है। यहां बीते कई दिनों से रहवासी गंदा पानी सप्लाई होने की शिकायत कर रहे थे।
सोमवार को जब 100 से अधिक लोगों को उल्टी-दस्त होने पर अस्पताल तक जाना पड़ा तब जाकर मामले की गंभीरता पता चली। उल्टी- दस्त से मंगलवार तक सात लोगों की मौत हो चुकी है।
अधिकारियों की लापरवाही का आलम यह है कि क्षेत्र में 26 दिसंबर को उल्टी-दस्त से पहली मौत हुई थी, लेकिन जिम्मेदारों की नींद नहीं टूटी। सोमवार को अस्पताल पहुंचे करीब 100 में से 34 लोगों की स्थिति इतनी खराब थी कि उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया।
मामले में अब सरकार की ओर से बड़ी कार्रवाई की गई है। दूषित पानी से स्थानीय रहवासियों के संक्रमित होने के कारण शासन ने जोनल अधिकारी जोन 4 शालिग्राम शितोले और प्रभारी सहायक यंत्री पीएचई योगेश जोशी को निलंबित कर दिया है। वहीं प्रभारी उपयंत्री पीएचई शुभम श्रीवास्तव की सेवा समाप्त कर दी गई। मुख्यमंत्री ने इस कार्रवाई की जानकारी एक्स पर ट्वीट कर दिया है।
इंदौर शहर के भागीरथपुरा क्षेत्र में हुई घटना बेहद दुखद है। मृतकों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उपचाररत प्रभावितों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं।
मृतकों के परिवारजनों को 2-2 लाख रुपये की सहायता राशि दी जाएगी। मरीजों के इलाज का पूरा खर्च सरकार वहन करेगी। स्थिति पर नजर…
— Dr Mohan Yadav (@DrMohanYadav51) December 30, 2025
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इंदौर शहर के भागीरथपुरा क्षेत्र में हुई घटना को गंभीरता से लेते हुए कलेक्टर को इस दुखद हादसे में क्षेत्र का दायित्व संभालने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए है। साथ ही इस पूरे मामले की जांच के लिए तीन सदस्यों की एक समिति गठित की गई है। समिति आईएएस नवजीवन पंवार के निर्देशन में जांच करेगी। समिति में प्रदीप निगम, सुप्रिडेंट इंजीनियर और मेडिकल कॉलेज के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. शैलेश राय को भी शामिल किया गया है।
भागीरथपुरा में जो लोग बीमार हुए है, उसका कारण हैजा का फैलना भी माना जा रहा है। दूषित पानी के कारण उल्टी-दस्त की शिकायत के चलते चाचा नेहरू अस्पताल में भर्ती तीन वर्षीय बच्चे की रिपोर्ट में हैजा की पुष्टि हुई है। अस्पताल में अभी भागीरथपुरा क्षेत्र के पांच बच्चे भर्ती है।
सभी को उल्टी-दस्त की शिकायत है। अस्पताल में तेजस, शिवा (11 माह), यश, लक्ष्मी, लाणव्या भर्ती है। वहीं शिवा की दादा उर्मिला की मौत हो चुकी है।
अस्पताल प्रबंधन के मुताबिक सभी बच्चों की अस्पताल में उचित देखभाल की जा रही है। यहां भर्ती चार बच्चों की हैजा की जांच हुई है, इनमें से अभी एक की रिपोर्ट आई है, जो पाजिटिव है। वहीं अब तक करीब 20 लोगों की जांच की जा चुकी है।


शुभम श्रीवास्तव, उपयंत्री, जोन चार
जिम्मेदारी-भागीरथपुरा क्षेत्र की टंकी से जल प्रदाय का वितरण, रहवासी क्षेत्रों में आने वाली जल प्रदाय व दूषित जल के निराकरण करना।
योगेश जोशी, सहायक यंत्री
जिम्मेदारी - इंदौर -311 हेल्पलाइन पर आने वाले जल प्रदाय संबंधित शिकायतों को अधिनस्थ इंजीनियर व रामकी कंपनी के इंजीनियरों को बताकर नर्मदा पाइप लाइन में मिल रहे गंदे पानी को खोज लीकेज को दुरस्त करवाना।
संजीव श्रीवास्तव, कार्यपालन यंत्री
जिम्मेदारी: पूरे शहर में जलप्रदाय वितरण व्यवस्था मानीटरिंग। हेल्पलाइन व जोन स्तर पर आने वाली शिकायतें को देखकर अधीनस्थों को निर्देश। जिन इलाकों में ज्यादा समस्यां वहां पर औचक निरीक्षण।
रोहित सिसोनिया, अपर आयुक्त
जिम्मेदारी : इनके पास ड्रेनेज व नर्मदा जल प्रदाय वितरण विभाग जिम्मा है। ड्रेनेज व नर्मदा जल प्रदाय संबंधित शिकायतों की मानीटरिंग व समस्यांग्रस्त क्षेत्रों का निरीक्षण। कार्य में लापरवाही करने वाले कर्मचारियों को दंडित करना।
दिलीप कुमार यादव, निगमायुक्त
जिम्मेदारी : नगर निगम के प्रमुख शहर में स्वच्छता के साथ पेयजल, ड्रेनेज सहित अन्य व्यवस्थाओं की बेहतरी की अहम जिम्मेदारी। निरंतर अंतराल पर संबंधित विभागों की समीक्षा और मैदान में औचक निरीक्षण।
सुबह 6 : भागीरथपुरा की 32 लेन में दो-दो घरों में पानी के निगम की टीम ने सुबह सात बजे 64 घरों से पानी के सैंपल लिए।
दावा : नलों में आया साफ पानी। दोपहर 2 : पानी की टंक व पुलिस चौकी के पास उद्यान परिसर में नर्मदा सप्लाई लाइन पर बने चौकी के शौचालय को जेसीबी से तोड़ने का काम शुरू हुआ।
सुबह 10 : गलियों में घूम-घूमकर ड्रेनेज चेम्बर खोलकर गाद निकालना शुरु किया।
शाम 4 : मंत्री कैलाश विजयवर्गीय भी क्षेत्र में पहुंचे लोगों व निगम के अफसरों से बात की। डिस्पेंसरी में आने वाले मरीजों का हाल जाना।
शाम 4.25 : निगमायुक्त गलियों में पहुंचे व नर्मदा लाइन के ऊपर बने ड्रेनेज चेम्बर को भी देखा।
शाम 4.40 : पाइप लाइन में मिला लीकेज, जेसीबी से खोदाई की गई। निगमायुक्त पहुंचे और रात में जनरेटर लगा रामकी कंपनी के कर्मचारियों को लीकेज सुधार के निर्देश दिए। देर रात तक पाइप लाइन के लीकेज को दुरस्त करने का काम चला।
पाइंटर

महापौर सचिवालय के बाहर विरोध प्रदर्शन करते युवा कांग्रेसी
भागीरथपुरा में दूषित जल से फैली बीमारी और मौतों की खबरों के बीच महापौर पुष्यमित्र भार्गव महापौर सचिवालय पर सामयिक विषयों पर चर्चा करते नजर आए। इस बीच बाहर युवा कांग्रेसियों ने विरोध प्रदर्शन किया। महापौर भार्गव ने एक दिन पहले सोमवार को ही मीडिया को चाय पर चर्चा के लिए मंगलवार दोपहर आमंत्रित किया था। दरअसल बीते साल में विकास और योजनाएं चर्चा का एजेंडा था।
हालांकि भागीरथपुरा कांड ने चर्चा का एजेंडा बदल दिया और पत्रकारों ने मामले पर सवाल किए। सचिवालय पर हुई चर्चा में भागीरथपुरा कांड के लिए महापौर और जलकार्य प्रभारी बबलू शर्मा ने पूरी जिम्मेदारी निगम के अधिकारियों पर डाल दी। साथ ही कहा कि दोषियों पर कड़ी कार्रवाई होगी। इस बीच युवा कांग्रेस के अध्यक्ष अमित पटेल, पूर्व अध्यक्ष स्वप्निल कांबले, सरफराज अंसारी समेत कार्यकर्ता सचिवालय के बाहर विरोध करने पहुंच गए। कांग्रेसी अपने साथ गंदे पानी से भरी बोतलें लेकर पहुंचे थे।
कार्यकर्ताओं ने महापौर को बोतलें भेंट करने की बात कही। पटेल ने कहा कि महापौर ऐसे विपरीत समय में भी चाय पर चर्चा कर रहे हैं। जबकि उन्हें जान लेने वाले पानी पर चर्चा करना चाहिए। वे सारी जिम्मेदारी सिर्फ अधिकारियों पर डालकर खुद बरी होना चाहते हैं। युवा कांग्रेस ने मांग की कि दूषित जल से होने वाली मौतों और प्रभावितों को नगर निगम की ओर से मुआवजा दिया जाना चाहिए।
दूषित जल से प्रभावित भागीरथपुरा के रहवासियों के स्वास्थ्य का हाल जानने पहले नेता प्रतिपक्ष चिंटू चौकसे अस्पताल पहुंचे। शाम को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी भी भागीरथपुरा क्षेत्र में पहुंचे। कांग्रेस नेताओं ने दोषी अधिकारियों पर आपराधिक प्रकरण दर्ज करने की मांग की। चौकसे ने कहा कि नर्मदा प्रोजेक्ट के इंजीनियरों को तुरंत निलंबित किया जाए।