नईदुनिया प्रतिनिधि,इंदौर। एमवाय अस्पताल के पीडियाट्रिक सर्जरी विभाग के एनआईसीयू में जिस दूसरी नवजात बच्ची को चूहे ने कुतरा था, बुधवार को उसकी भी इलाज के दौरान मौत हो गई है। बच्ची की मौत के बाद अस्पताल में हडकंप मच गया। प्रबंधन ने मौत के बाद चुपचाप बच्ची का शव स्वजन को सौंप दिया। मृत नवजात के माता-पिता देवास जिले के कमलापुर गांव के रहने वाले हैं। शव को बिना पोस्टमार्टम के ही अपने साथ लेकर चले गए। मासूमों की मौत ने पुरे लापरवाह सिस्टम की पोल खोल दी है। मामले में मुख्यमंत्री मोहन यादव ने बताया कि हमारी सरकार कोई लापरवाही सहन नहीं करेगी। इस संबंध में पीएस और कलेक्टर को जांच के आदेश दिए है। दो दिन में हुई दूसरे नवजात की मौत के बाद कलेक्टर आशीष सिंह ने जनप्रतिनिधि के साथ अस्पताल का निरीक्षण करने के लिए पहुंचे। उन्होंने एनआईसीयू वार्ड और ब्लड बैंक का निरीक्षण किया। इस मामले में पेस्ट कंट्रोल करने वाली एजाईल कंपनी की लापरवाही सामने आई है। जिस पर कलेक्टर ने कहा कि बाहरी एजेंसी जांच करेगी कि पेस्ट कंट्रोल अस्पताल में ठीक से किया गया था या नहीं। एजाईल कंपनी के अलावा यदि अन्य किसी की लापरवाही पाई जाएगी तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि जो घटना हुई थी उसका वीडियो भी सामने आया था। यह दुर्भाग्यपुर्ण घटना थी। मंगलवार को धार जिले के निवासी जिस नवजात की मौत हुई थी, उसका पोस्टमार्टम हुआ है। उसमें सामने आया कि उसके आर्गन फेल्युअर हुए थे। बुधवार को जिस बच्चे की मौत हुई है, उसके आंत नहीं बन पाई थी। ऐसी स्थिति दोबारा निर्मित ना हो, इसके लिए निरीक्षण किया गया। बता दें कि इस निरीक्षण के दौरान डीन अरविंद घनघोरिया नजर नहीं आए।
इस मामले को लेकर हेल्थ कमिश्नर ने भी बुधवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग की। जिसमें डीन डा. अरविंद घनघोरिया और एमवायएच अधीक्षक अशोक यादव को फटकार लगाई। उन्होंने इस घटना को प्रबंधन की घोर लापरवाही बताई। साथ ही निष्पक्ष जांच करते हुए रिपोर्ट मांगी है। मंत्री तुलसीराम सिलावट ने भी मुख्यमंत्री को मामले की शिकायत की है। जिसमें उच्च स्तरीय जांच भोपाल से प्रमुख सचिव को भेजकर करवाने का अनुरोध किया है।
एमवायएच में दम तोड़ने वाली कमलापुर निवासी 15 दिन की बालिका का आंत का आपरेशन हुआ था। इस दौरान एक छोटी गठान निकली थी। स्वजनों के मुताबिक चूहे के काटने से उसके हाथ में खराेच आई थी। मामा अजहर काजी ने बताया बालिका का जन्म बागली के अस्पताल में हुआ था, हालत बिगड़ने पर उसे पहले जिला अस्पताल देवास फिर एमटीएच इंदौर और वहां से एमवायएच रेफर किया गया था। बालिका के पिता सादिक व माता रेहाना बी कमलापुर के बड़े मोहल्ले जामा मस्जिद के पास के निवासी हैं। सादिक किसानी करते हैं, उनका एक बेटा व एक बेटी हैं, यह तीसरी संतान थी। बालिका की मौत बुधवार दोपहर करीब एक बजे हुई। हमने अपनी इच्छा से उसका पीएम नहीं करवाया।
वार्ड में जिन जिम्मेदारों के कारण बच्चों को चूहे ने कुतरा उनपर डीन अरविंद घनघोरिया ने कार्रवाई की है। लापरवाही बरतने वाली नर्स श्वेता चौहान और आकांशा बेंजामिन को सस्पेंड कर दिया गया है। इसके साथ ही नर्सिंग सुप्रीडेंट मारग्रेट जोसेफ को भी हटा दिया गया है। प्रभारी एचओडी डा. मनोज जोशी, आईसीयू इंचार्ज नर्स प्रवीणा सिंह, कलावती भलावी को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। इस मामले में डा. एसबी बंसल की अध्यक्षता में एक जांच कमेटी बनाई है। इस मामले में लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग के कमिश्नर ने डीन और एमवायएच अधीक्षर को कारण बताओ नोटिस देकर जवाब मांगा है।
बीजेपी के 22 साल का यह असली चेहरा है। एमवाय में चूहों की हरकत यह पहली बार नहीं हुई। नवजातों को चूहों ने नहीं, भ्रष्टाचारी प्रशासन ने क्षति पहुंचाई है। मुख्यमंत्री मोहन यादव सरकार में रीढ़ की हड्डी है तो क्या अधीक्षक को सजा दे सकते है? नहीं दे सकते। वह सिर्फ छोटे से वार्ड बाय को हटांएगे। यह व्यवस्था क्या है? एमवाय में अराजकता क्यों है? चूहे बच्चों को खा रहे हैं, भ्रष्टाचार से बीजेपी के नेताओं का पेट भर रहा है। यह दोनों बातें बच्चों की जान लेने का कारण है। जितना दोषी वह चूहा है, उससे ज्यादा दोषी यह तंत्र और व्यवस्था है।
- जीतू पटवारी, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष
बच्चों की मौत चूहे के कुतरने से नहीं हुई है। पोस्टमार्टम में यह सामने आ चुका है। पुरे मामले की जांच डीन द्वारा बनाई गई कमेटी कर रही है। एजाईल कंपनी पर भी जुर्माना लगाया गया है।
- अशोक यादव, अधीक्षक