
नवदुनिया प्रतिनिधि इटारसी: मप्र में राजस्व न्यायालयों के कामकाज में तेजी लाने एवं पक्षकारों की सुनवाई जल्द करने के लिए जहां सरकार महाराजस्व अभियान चला रही है, वहीं न्यायालयों की हालत यह है कि बाबू राज में पक्षकारों की फाइलें ही दफ्तरों से गुम हो रही हैं। ऐसे ही एक मामले में पिछले छह महीनों से परेशान किसान ज्ञानेंद्र उपाध्याय की जमीन बंटवारे से जुड़ी पांच फाइलें गुम हो गई हैं। महीनों तक बाबुओं और अफसरों के चक्कर काटने के बाद जब फाइल नहीं मिलीं तो सोमवार को उपाध्याय ने अफसरों को आईना दिखाने के लिए अनूठा प्रदर्शन किया।
किसान ने MP ग्रामीण बैंक से अपने खाते का 51 हजार का एक चेक तैयार कराया, इसे अपने आवेदन के साथ हाथ लेकर वे तहसीलदार दफ्तर के बाहर जमीन पर बैठ गए। करीब 20 मिनट तक यहां से गुजर रहे वकीलों के पैर पढ़कर उन्होंने अपनी गुहार लगाते हुए कहा कि बाबू अफसर तो सुनते नहीं हैं, आप ही मेरी गुम फाइलें वापस ढूंढवा दीजिए।
किसान के प्रदर्शन की सूचना पर नायब तहसीलदार कृष्णकांत उइके अपने केबिन से बाहर आए और उन्होंने प्रदर्शनकारी किसान से पूरे मामले की जानकारी लेकर आश्वासन दिया कि हम प्रयास कर रहे हैं कि लापता हुई फ़ाइल जल्द ही मिल जाए। गजपुर के किसान एवं कांग्रेस नेता ज्ञानेंद्र ने बताया कि यह राशि वह घूस के तौर पर नहीं दे रहे हैं, बल्कि अधिकारियों कर्मचारियों का उत्साह बढ़ाने के लिए उन्होंने यह पेशकश की है, जिससे जोश में आकर कर्मचारी उनकी गुम हुई फ़ाइल तो ढूंढ कर दे दें।
किसान ने बताया कि वे पेशे से किसान हैं, उनकी जमीनों के बंटवारा प्रकरणों की फाइलें कई महीनो से नायब तहसीलदार खंड सर्किल रामपुर में जमा की गई थीं, इन पर एक्शन तो नहीं हुआ, उल्टा अब उनकी फाइलें ही दफ्तर से गुमा दी गई हैं। फाइल न मिलने से वह बार-बार परेशान हो रहे हैं, उनकी बाईपास सर्जरी हो चुकी है, इसलिए वो बार-बार दफ्तर के चक्कर नहीं काट सकते।
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फाइलों पर एक्शन न होने की वजह से उनके प्रकरण अटके हुए हैं। किसान ने बताया कि उन्होंने दो दिन का समय अधिकारियों को दिया है, यदि इतने में उनकी फाइलें वापस नहीं मिलती है तो वह राजस्व न्यायालय के अधिकारियों के विरुद्ध दीवानी एवं फौजदारी के तहत मामला दर्ज कराएंगे। किसान ने बताया कि न्यायालय में कुछ दिन पहले संविदा कर्मचारी रखे गए थे, उनकी लापरवाही से ही उनकी फाइलें गुम गई हैं, वे कई बार दफ्तर के चक्कर काट चुके हैं, लेकिन कोई भी अधिकारी कर्मचारी उनकी फरियाद सुनने को राजी नहीं है।
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किसान ने जब यहां से गुजर रहे एक अधिवक्ता के पैर पढ़कर गुहार लगाई कि आप मेरी गम फाइलें वापस करा दीजिए मैं आपको 51 हजार का इनाम दूंगा, इस पर अधिवक्ता ने कहा कि मेरी खुद दो फाइल हैं, जो न्यायालय में गुम हो चुकी हैं, जिसके लिए मैं परेशान हो रहा हूं, इसकी शिकायत भी मैं करूंगा।