नईदुनिया प्रतिनिधि, जबलपुर: जबलपुर के फर्जी पते पर पासपोर्ट बनवाने वाले एक और अफगानी को एंटी टेरेरिस्ट स्क्वॉड (एटीएस) ने गिरफ्तार किया है। पकड़ा गया आरोपित अकबर (53) है, जो करीब 20 वर्ष पहले अफगानिस्तान से भारत आया था। वर्तमान में वह बंगाल में रह रहा था। रविवार को एटीएस का दल अकबर को कोलकाता से लेकर जबलपुर पहुंचा। न्यायालय के निर्देश पर उसे केंद्रीय जेल भेज दिया गया।
फर्जीवाड़ा कर आधार कार्ड और पासपोर्ट हासिल करने के मामले में यह दूसरा अफगानी है जिसे गिरफ्तार किया गया है। तीन दिन पहले एटीएस ने ओमती क्षेत्र से अफगानी युवक सोहबत खान को पकड़ा था। पूछताछ में सोहबत ने अकबर का नाम बताया।
सोहबत के जरिए ही अकबर ने फर्जीवाड़ा कर पासपोर्ट बनाने वाले तीन आरोपितों के गिरोह से संपर्क किया था। उसने एक लाख 20 हजार रुपये देकर पासपोर्ट बनवाया। अकबर ने अपने एक और साथी के लिए भी फर्जी पते से पासपोर्ट बनवाया है, जिसकी तलाश एटीएस कर रही है।
अकबर भारत आने के बाद अपना अफगानी पासपोर्ट नष्ट कर चुका था। काम की तलाश में वह अलग-अलग शहरों में घूमता रहा और आखिर में कोलकाता में बस गया। वहीं उसने छोटे-मोटे काम कर रुपये जुटाए। कुछ समय पहले उसकी मुलाकात सोहबत से हुई, जिसने पासपोर्ट दिलाने का सौदा कराया।
सोहबत ने गिरोह से अकबर की फोन पर बात कराई और रुपये ऑनलाइन ट्रांसफर कराए। गिरोह के सदस्यों दिनेश गर्ग (विजय नगर), महेंद्र कुमार सुखदन (कटंगा) और चंदन सिंह (रामपुर) ने पहले जबलपुर के फर्जी पते पर पहचान पत्र बनवाया और पासपोर्ट प्रक्रिया शुरू की। सत्यापन के दिन अकबर एक दिन के लिए जबलपुर आया और सभी औपचारिकताएं पूरी कर वापस लौट गया।
पासपोर्ट जारी होने पर गिरोह ने डाक से आने वाले दस्तावेज को डाकिए को तीन हजार रुपये देकर हासिल कर लिया। वर्तमान में सोहबत, दिनेश गर्ग और महेंद्र सुखदन एटीएस रिमांड पर हैं, जबकि चंदन सिंह जेल में है।