पंकज तिवारी, नईदुनिया, जबलपुर। प्रदेश में बिजली की बढ़ती मांग को देखते हुए उत्पादन बढ़ाने के भी प्रयास हो रहे हैं। मध्य प्रदेश पावर जनरेटिंग कंपनी अमरकंटक ताप विद्युत गृह में 660 और सारनी ताप विद्युत गृह में 660 मेगावाट की इकाई लगाने जा रही है। दोनों इकाइयों को स्थापित करने में करीब 23 हजार करोड़ रुपये खर्च होंगे।
लंबे समय से अटके इस काम को आखिरकार बीते सोमवार को पावर जनरेटिंग कंपनी ने मंजूरी देते हुए निर्माण एजेंसी भारत हैवी इलेक्ट्रिकल लिमिटेड (बीएचइएल) को नोटिस आफ एक्सेप्टेंस जारी कर दिया है। एक माह में यह निर्माण कार्य प्रारंभ हो जाएगा और अगले पांच साल में दोनों इकाइयों से 1320 मेगावाट बिजली बनने लगेगी।
मप्र पावर जनरेटिंग कंपनी अमरकंटक और सारनी में अल्ट्रा सुपर क्रिटिकल (यूएससी) तकनीक वाली इकाइयां स्थापित करेगी। इसमें उच्च तापमान होता है, जिससे बिजली का उत्पादन कम कोयले में हो सकेगा। इसके अलावा ये इकाइयां पर्यावरण के अनुकूल होंगी। निर्माण के लिए पांच साल का समय दिया गया है, यानी मार्च 2030 में ये इकाइयां बिजली उत्पादन के लिए तैयार हो जाएंगी।
शासन स्तर पर जो इकाइयों के लिए लागत का आकलन हुआ है, उसमें अमरकंटक ताप विद्युत गृह में स्थापित होने वाली 660 मेगावाट की इकाई पर 11,476.31 करोड़ रुपये और सारनी ताप विद्युत गृह की 660 मेगावाट की इकाई पर 11,678.74 करोड़ रुपये का व्यय आ रहा है। इसमें कुल लागत का 20 प्रतिशत अंश राज्य सरकार की तरफ से देय होगा। इसमें अमरकंटक के लिए 365 करोड़ रुपये और सारनी के लिए 431 करोड़ रुपये राज्य सरकार व्यय करेगी। इसके अलावा शेष 80 प्रतिशत की राशि कंपनी बैंक लोन ले रही है।
पहले हुई थी संयुक्त साझेदारी
अमरकंटक ताप विद्युत गृह में 660 मेगावाट की इकाई को स्थापित करने के लिए पहले मप्र पावर जनरेशन कंपनी और साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (एसईसीएल) की संयुक्त साझेदारी हुई थी, लेकिन बाद में जेनको ने इस साझेदारी को रद्द कर दिया।
अभी स्थिति यह है कि बैतूल के सतपुड़ा थर्मल पावर स्टेशन सारनी में 1330 मेगावाट क्षमता है। वहीं अमरकंटक ताप विद्युत गृह की 210 मेगावाट क्षमता है। नई इकाइयां स्थापित होने के बाद कोल विद्युत उत्पादन क्षमता 1320 मेगावाट और बढ़ जाएगी। वर्तमान में जेनको के थर्मल पावर स्टेशन से 5420 मेगावाट क्षमता की इकाइयां स्थापित हैं। वहीं हाइड्रल में करीब 1500 मेगावाट बिजली उत्पादन क्षमता की इकाइयां हैं।
मध्य प्रदेश में विद्युत उत्पादन उपलब्धता
थर्मल – 12,915 मेगावाट
हाइड्रो – 3408
सोलर – 4685
विंड – 3310
न्यूक्लियर – 586
बायोमास व नवकरणीय – 42
कुल – 24,945 मेगावाट
वर्जन
मिलिंद भंडारकर, डायरेक्टर, कमर्शियल, मप्र पावर जनरेटिंग कंपनी का कहना है कि "मप्र पावर जनरेटिंग कंपनी ने अमरकंटक और सारनी ताप विद्युत गृह में 660-660 मेगावाट, जिसकी कुल 1320 मेगावाट क्षमता वाली दो इकाइयों को स्थापित करने के लिए बीएचइएल के साथ नोटिस आफ एक्सेप्टेंस किया है। अगले एक-दो माह में कार्य प्रारंभ होगा। मार्च 2030 तक इकाइयां बनकर तैयार हो जाएंगी।"