नईदुनिया प्रतिनिधि,रीवा। विधानसभा चुनाव वर्ष 2018 से जुड़े एक मामले में केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी), नई दिल्ली ने सख्ती दिखाई है। तत्कालीन रीवा कलेक्टर प्रीति मैथिल नायक और तत्कालीन सिरमौर एसडीएम नीलमणि अग्निहोत्री के विरुद्ध सीवीसी में मामला दर्ज किया गया है।
आयोग ने मामले की प्रारंभिक जांच के बाद मप्र शासन के मुख्य सचिव अनुराग जैन को पत्र लिखते हुए पूरी फाइल विभागीय कार्यवाही के लिए भेज दी है।
मामले की पृष्ठभूमि
2018 में सिरमौर निवासी टूरिज्म एक्टिविस्ट सर्वेश कुमार सोनी के खिलाफ आचार संहिता उल्लंघन और लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम की धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज कराई गई थी। यह एफआईआर तत्कालीन रीवा कलेक्टर प्रीति मैथिल नायक और एसडीएम नीलमणि अग्निहोत्री द्वारा दर्ज कराई गई थी।
बाद में इस एफआईआर को चुनौती दी गई और 2019 में जबलपुर उच्च न्यायालय ने इसे दुर्भावनापूर्ण बताते हुए खारिज कर दिया। इसके बावजूद शिकायतकर्ता सर्वेश सोनी ने अधिकारियों पर पद का दुरुपयोग, कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर कार्रवाई और फर्जी एफआईआर दर्ज कराने का आरोप लगाते हुए सीवीसी में शिकायत दर्ज कराई।
सीवीसी की कार्रवाई
आयोग ने एक महीने से अधिक समय तक प्रकरण का परीक्षण किया और 24 सितंबर 2025 को पत्र क्रमांक 024/एमआईएससी/001 के माध्यम से मप्र शासन के मुख्य सचिव को जांच रिपोर्ट सहित पूरा मामला अग्रेषित कर दिया। आयोग ने प्रकरण को गंभीर मानते हुए अधिकारियों की भूमिका की विभागीय समीक्षा और नियमानुसार कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।
प्रशासनिक हलकों में चर्चा
इस घटनाक्रम के बाद प्रशासनिक हलकों में हलचल तेज हो गई है। सात वर्ष पुरानी चुनावी एफआईआर अब अधिकारियों के लिए जवाबदेही का विषय बन गई है। शिकायतकर्ता सर्वेश सोनी का कहना है कि यह कार्रवाई लोकतंत्र में जवाबदेही सुनिश्चित करने की दिशा में एक सकारात्मक कदम है। अब निगाहें राज्य शासन की कार्रवाई पर टिकी हैं। विभाग ने शिकायतकर्ता को पूरी जानकारी से अवगत करा दिया है।
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