
नईदुनिया प्रतिनिधि, जबलपुर। हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति मनिंदर सिंह भट्टी की एकलपीठ के समक्ष सोमवार को प्रदेश के सरकारी स्कूलों में शिक्षकों के लिए ई-अटेंडेंस अनिवार्यता के मामले में सुनवाई हुई। प्रदेश के अलग-अलग जिलों में पदस्थ शिक्षकों ने इसमें आने वाली समस्याओं को लेकर हाई कोर्ट में याचिका दायर की है।
याचिकाकर्ता शिक्षकों की ओर से हलफनामा प्रस्तुत कर दलील दी गई कि ई-अटेंडेंस दर्ज कराने में कई बार नेटवर्क सहित अन्य तकनीकी समस्याएं आ रही हैं। राज्य शासन की ओर से याचिका के मूल मुद्दे और याचिकाकर्ताओं के जवाब पर विस्तृत रिपोर्ट पेश करने मोहलत मांगी गई। कोर्ट ने सरकार को 25 नवंबर तक अपना जवाब पेश करने कहा है। मामले की अगली सुनवाई 26 नवंबर को होगी।
जबलपुर निवासी मुकेश सिंह वरकड़े, सतना के सत्येंद्र तिवारी सहित प्रदेश के अलग-अलग जिलों के 27 शिक्षकों ने याचिका दायर कर ई-अटेंडेंस को चुनौती दी है। याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता अंशुमान सिंह ने दलील दी कि शिक्षकों को ई-अटेंडेंस के लिए बने हमारे शिक्षक एप के जरिए से उपस्थित दर्ज कराने में बहुत सी समस्याओं को सामना करना पड़ रहा है।
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याचिकाकर्ताओं ने डेटा प्रोटेक्शन एक्ट 2023 के कानून के आधार पर कहा शिक्षकों के पर्सनल मोबाइल, उनका निजी एकाउंट जो उनके बैंक एकाउंट के साथ पर्सनल उपयोग में लिया जाता है। वहीं शासन की ओर से तर्क दिया गया कि नेटवर्क की समस्या नहीं है क्योंकि उसी स्कूल में अधिकतर शिक्षक अटेंडेंस लगा रहे हैं।