
जबलपुर, नईदुनिया प्रतिनिधि। किसानों को अब अपनी उपज बेचने के लिए खाद्य विभाग के एसएमएस का इंतजार नहीं करना होगा। उन्हें इस प्रक्रिया से राहत मिल गई है। अब उपार्जन केंद्रों में आकर उन्हें अपनी उपज बेचने का समय और दिन बताना होगा। दरअसल खाद विभाग ने इस बार किसानों की उपज बेचने की जानकारी को लेकर नई व्यवस्था लागू की है। इस व्यवस्था के तहत किसानों को एसएमएस के माध्यम से उपज बेचने की सूचना नहीं दी जाएगी। बल्कि अब किसानों को ही बताना होना कि वे किस समय और दिन में अपनी उपज बेचने मंडी आएंगे। इसके लिए किसानों को उपार्जन केंद्रों में आकर स्लाट बुक किए जाएंगे।
इसलिए उठाया गया कदम: दरअसल धान खरीदी के दौरान उपार्जन केंद्रों में पंजीयन कराने वाले किसानों की शिकायत और आरोप सामने आए। शिकायत में कहा गया कि उपार्जन केंद्रों द्वारा उन्हें उपज बेचने की सूचना एसएमएस से नहीं मिली है। वहीं यह आरोप भी लगा कि सिर्फ खास किसानों और पैसे लेने वालों के मोबाइल पर एसएमएस भेजे गए हैं। वहीं दूसरी ओर कई ऐसे ग्रामीण इलाके थे, जहां मोबाइल नेटवर्क खराब होने की वजह से किसानों को एसएमएस नहीं पहुंच सके। इस वजह से उन्हें बिना सूचना के ही अपनी उपज मंडी में लाना पड़ी।
41 किसानों ने ही कराया पंजीयन: खाद्य विभाग ने रबी फसलों को बेचने के लिए किसानों के पंजीयन की प्रक्रिया शुरू कर दी है। उपार्जन केंद्र से लेकर मंडी के अलावा एमपी आनलाइन, कामन सर्विस सेंटर और ग्रामीणों में बने सुविधा केंद्रों में किसानों का पंजीयन कराया जा रहा है। जबलपुर जिले में अभी तक सिर्फ 41 किसानों ने ही रबी फसल के लिए पंजीयन कराया है। पिछले साल खरीब की सफल में लगभग 55 हजार किसानों में से 43 हजार ने पंजीयन कराया था। पंजीयन कराने की व्यवस्था 5 मार्च तक लागू होगी।
ऐसे होगी नई व्यवस्था
- रबी फसल के लिए किसानों को उपार्जन केंद्र में आकर पहले पंजीयन कराना होगा
- जब फसल तैयार हो जाएगी तो उन्हें फिर आकर उपज बेचने स्लाट बुक करना होगा
- स्लाट के दौरान किसान को बताना होगा कि वह उपज लेकर किस दिन मंडी आएगा
- यह प्रक्रिया ठीक रजिस्ट्री के दौरान बुक होने वाले स्लाट की तरह होगी
- नई व्यवस्था होने की वजह से किसानों को स्लाट बुक करने की जानकारी दी जाएगी
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रबी की फसलों के लिए किसानों के पंजीयन की प्रक्रिया शुरू हो गई है। इस बार एसएमएस भेजने की व्यवस्था को बंद कर स्लाट बुक करने की प्रक्रिया शुरू की गई है। किसानों को स्लाट बुक कर बताना होगा कि वे कब और किस दिन अपनी उपज लेकर मंडी आएंगे।
नुजहत बकाई, जिला आपूर्ति नियंत्रक