
नईदुनिया प्रतिनिधि, जबलपुर। पूर्व मंत्री व विजयराघवगढ़ से भाजपा विधायक संजय पाठक की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। उनसे जुड़ी कंपनियों पर क्षमता से अधिक खनिज का उत्खनन करने और जीएसटी चोरी के आरोप हैं। जिसके बाद उनके करीबियों के नाम से सिहोरा में संचालित आनंद माइनिंग कार्पोरेशन, निर्मला मिनरल्स और मेसर्स पेसिफिक एक्सपोर्ट कंपनियों से करीब 443 करोड़ रुपये वसूलने के लिए शिकंजा कसा है। कलेक्टर जबलपुर राघवेंद्र सिंह द्वारा इन कंपनी को 10 नवंबर 2025 को नोटिस जारी कर नोटिस का जवाब देने और न देने की स्थिति में राशि वसूलने की कार्रवाई की चेतावनी दी है।
यह जानकारी विधानसभा में मंगलवार को मुख्यमंत्री ने दी है। हालांकि जबलपुर कलेक्टर ने खनिज विभाग के माध्यम से विधायक संजय पाठक को नोटिस दिया था, जिसके जवाब में उन्होंने विभाग से 15 दिनों का समय मांगा है। अब विभाग उन्हें अतिरिक्त समय और देने जा रहा है।
दरअसल कांग्रेस विधायक डा़ हीरालाल अलावा ने विधानसभा में सवाल किया कि जबलपुर जिले की सिहोरा तहसील में मेसर्स आनंद माइनिंग कार्पोरेशन, मेसर्स निर्मला मिनरल्स एवं पैसिफिक एक्सपोर्ट द्वारा स्वीकृत मात्रा से अत्यधिक अतिरिक्त उत्पादन करने के बावजूद भी शासन को एक हजार करोड़ रुपयों की राशि जमा नहीं करने के संबंध में आशुतोष मनु दीक्षित द्वारा आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ भोपाल के समक्ष लिखित शिकायत की गई थी।
इस संबंध में खनिज साधन विभाग द्वारा गठित जांच दल के प्रतिवेदन के अनुसार 443 करोड़ चार लाख 86 हजार 890 रुपये एवं तदानुसार जीएसटी की राशि वसूली का जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत किया है। इस राशि की मय ब्याज एवं जीएसटी के उपरोक्त वर्णित कंपनियों से वसूली करने के लिए अब तक क्या कार्रवाई की गई?
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने लिखित जवाब में बताया जांच दल द्वारा राशि वसूली का जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया है। प्रतिवेदित राशि जमा कराए जाने व अपना पक्ष रखने के लिए संबंधितों को कलेक्टर द्वारा पत्र जारी किया गया है।
इस मामले नया मोड़ तब आया था जब जबलपुर हाई कोर्ट के एक जज ने सुनवाई से खुद को अलग कर लिया था। उन्होंने आरोप लगाया था कि विधायक संजय पाठक ने इस केस को लेकर उनसे फोन पर संपर्क साधने की कोशिश की थी।