नईदुनिया प्रतिनिधि, जबलपुर, World Snake Day 2025 : हम सभी ने कभी न कभी कोई सांप जरूर देखा होता है। सांप एक ऐसा जीव है, जिसे देखते ही लोग डर से कांपने लगते हैं। इंसानों के साथ-साथ हमारी पृथ्वी कई सारे जीव-जंतुओं का भी घर है। सांप इन्हीं में से एक है, जो शिकार का पता लगाने के लिए अपनी सूंघने की शक्ति पर बहुत अधिक निर्भर करते हैं।
सर्प विशेषज्ञ बताते हैं कि स्नेक के बारे में पढ़ेंगे तो लोगों की जान बचाने में आसानी होगी। अगर व्यक्ति को सांप ने डसा है और डसने वाले सांप की प्रजाति पता है तो डॉक्टर को इलाज करने में सुविधा होती है। इलाज संभव हो पाता है। जहर से कम अंधविश्वास से ज्यादा मौतें होती हैं।
सांपों को अक्सर नकारात्मक रूप से देखा जाता है, लेकिन वे पारिस्थितिकी तंत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। वे कृंतकों और अन्य छोटे जानवरों की आबादी को नियंत्रित करने में मदद करते हैं, जिससे फसलों और मनुष्यों के लिए खतरा कम होता है। सांपों के जहर का उपयोग चिकित्सा में भी किया जाता है।
सांप के डसने पर स्वयं को शांत रखकर दिल के धड़कन को समान्य रखें, जिससे जहर शरीर में ज्यादा नहीं फैलेगा। डसने वाले स्थान से कपड़े हटा दें नहीं तो सूजन हो सकती है। रोगी को जितनी जल्दी हो सके अस्पताल ले जाएं, तो बचने की संभावना है। खून के रुकने के बाद साबुन और गुनगुने पानी से धोएं। बच्चे, वृद्ध और रोगियों में असर ज्यादा होता है।
लोग सांप के जहर से नहीं, समय पर इलाज न मिलने और अंधविश्वास के कारण मरते हैं। अगर पीड़ित को तुरंत अस्पताल पहुंचाया जाए तो अधिकांश मौतें टाली जा सकती हैं। झाड़फूंक से कोई भी ठीक नहीं हो सकता है। अतः तांत्रिक का सहारा ना लेकर डॉक्टर के पास पहुंचने का प्रयास करें।
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हर साल 16 जुलाई को पूरी दुनिया में विश्व सांप दिवस यानी वर्ल्ड स्नेक डे मनाया जाता है। इस दिन को मनाने की शुरुआत सबसे पहले साल 1970 हुई है। दरअसल, ऐसा माना जाता है कि साल 1967 में टेक्सास में सांपो के लिए एक फर्म की शुरुआत हुई, जो धीरे-धीरे 1970 तक काफी मशहूर हो गई और इस तरह इस दिन की शुरुआत हुई।