
हरसूद (नईदुनिया न्यूज)। प्रदेश की पहली 16 ग्रामों की 5648 हेक्टेयर कृषि भूमि सिंचित करने के लिए बनी हरसूद सूक्ष्म सिंचाई परियोजना के दोनों फेस का परीक्षण कार्य लगभग पूर्ण हो चुका है। तकनीकी स्वीकृति मिलते ही इस परियोजना से रबी सीजन की फसलों में स्प्रिंकलर सिस्टम से सिंचाई हो सकेगी। पिछले सप्ताह नर्मदा विकास प्राधिकरण के अधिकारियों द्वारा इस परियोजना के आखिरी दौर का निरीक्षण किया जा चुका है। उद्वहन सिंचाई परियोजना का किसानों को लंबे समय से इंतजार था। परियोजना का लाभ मिलते ही क्षेत्र के किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार हो सकेगा।
प्रदेश के वनमंत्री डॉ. विजय शाह के प्रयासों से वर्ष 2017 में हरसूद सूक्ष्म सिंचाई परियोजना को स्वीकृति मिली थी जो अब पूर्णता के अंतिम चरण में है। नर्मदा विकास प्राधिकरण से हरी झंडी मिलते ही परियोजना का लाभ किसानों को मिलने लगेगा। नंदगांव के समीप बने पंप हाउस से फेस-एक के अंतर्गत आने वाले गांवों का एनवीडीए भोपाल के एसके जैन, केपी बागड़ी, एई सनावद एई तिर्की ने जेपी एसोसिएट के आनंद जोशी, डीजीएम अशोक शर्मा, मैनेजर एचआर राकेश जायसवाल के साथ उद्वहन सिंचाई परियोजना का बारीकी से निरीक्षण किया। साथ ही ग्राम पाटाखाली में फेस-एक के अंतर्गत आने वाले कृषकों को एकत्रित कर स्प्रिंकलर सिस्टम से सिंचाई का तरीका बताया।
जेपी एसोसिएट के रिजनल प्रबंधक अशोक कुमार शर्मा ने बताया कि प्रदेश में यह पहली सूक्ष्म उद्वहन सिंचाई परियोजना लगभग पूर्णता की ओर है। इसके पहले फेस में नंदगांव, नंदगांव माल, प्रतापपुरा, सात्री पुआ, बोरी बांदरी, बैड़ियांव, देवल्दी, चारखेड़ा रैयत तथा सक्तापुर सहित नौ गांव शामिल हैं। इसी तरह फेस-दो में चारखेड़ा पुआ, छेनरा, सडियापानी पुआ, सडियापानी सरकार, मंजाधड़, खैरखेड़ा और भवानिया मिलाकर सात गांव शामिल हैं। किसानों को सिंचाई के लिए बैकवाटर से 2.20 क्यूसेक पानी का उद्वहन किया जाएगा। प्रबंधक शर्मा ने बताया कि प्रत्येक 20 हैक्टयर पर आठ आउटलेट छोड़े गए हैं। वहां से किसानों को पानी ले जाकर स्प्रिंकलर सिस्टम के माध्यम से सिंचाई करनी होगी। योजना में 2.5 हेक्टेयर पर एक पाइंट दिया गया है। किसानों को शासन की योजनाओं के माध्यम से स्प्रिंलकर सेट लेना अनिवार्य होगा।
परियोजना की विशेषता
-सिंचाई परियोजना केे प्रत्येक 20 हेक्टेयर के पाइंट पर बाक्स लगाया जाएगा। इस पर सोलर प्लेट और वाईफाई लगा होगा। पूरी सिंचाई परियोजना में इजराइली तकनीक से वाईफाई द्वारा कंट्रोल रूम से संचालन होगा। लाइन डेमेज होने पर मेसेज से सूचना मिलते ही तत्काल सुधारा जाएगा।
-सिंचाई के लिए छह-छह घंटे में दो लाइनें चलेंगी।
-परियोजना रबी की फसल के सीजन के लिए होगी जिसमें स्प्रिंकलर के माध्यम से किसान सिंचाई कर सकेंगे।
-उद्वहन सिंचाई परियोजना का उद्देश्य कम पानी में अधिक सिंचाई करना है।