खंडवा। लंबे समय से अटका मेलघाट टाइगर रिजर्व क्षेत्र में गेज कन्वर्जन का काम अब हो सकेगा। इसके लिए महाराष्ट्र सरकार और राज्य वन जीव बोर्ड ने अनुमति दे दी है। इससे खंडवा-अकोला का गेज कन्वर्जन बिना डायवर्टेड रूट के हो सकेगा। पहले मेलघाट क्षेत्र से अनुमति नहीं मिलने की स्थिति में रेलवे ने 27 किमी घुमाव देकर डायवर्टेड रूट बनाया था।
खंडवा से अकोला तक 172 किलोमीटर ट्रैक पर गेज कन्वर्जन होने से जंक्शन का रेलवे ट्रैक सीधे नांदेड़ से जुड़ जाएगा। यहां तक आने वाली दक्षिण भारत की ट्रेनों का खंडवा तक भी विस्तार हो सकेगा।
इसके साथ ही महू से अकोला गेज कन्वर्जन के बाद जयपुर से हैदराबाद का यह ट्रैक पांच राज्यों को जोड़ देगा। नांदेड़ मंडल द्वारा बनाए गए मेलघाट टाइगर रिजर्व क्षेत्र से गेज कन्वर्जन के प्रस्ताव को महाराष्ट्र सरकार ने गत दिनों स्वीकृति दी। प्रदेश सरकार के वन विभाग की आपत्ति के कारण यह प्रस्ताव कई वर्षों से अटका हुआ था।
मीटरगेज ट्रैक पर मौजूदा स्थिति में मेलघाट टाइगर रिजर्व क्षेत्र से गुजर रही हैं लेकिन पिछले सात वर्षों से यहां से गेज कन्वर्जन की अनुमति नहीं मिलने के कारण प्रस्ताव अटका हुआ था। अब राज्य शासन की अनुमति के बाद प्रस्ताव केंद्र के पर्यावरण मंत्रालय को भेजा गया है। यहां से स्वीकृति मिलते ही इस क्षेत्र में गेज कन्वर्जन का काम शुरू होगा।
ब्रिज के टेंडर
अकोला से आकोट के बीच अंडर व ओवर ब्रिज के निर्माण के टेंडर हो गए हैं। यहां ब्रॉडगेज ट्रैक के अंडर व ओवर ब्रिज का निर्माण जल्द शुरू होना है। मेलघाट क्षेत्र में ट्रैक को लेकर केंद्र की अनुमति मिलने के बाद आगे के ट्रैक का काम भी शुरू हो सकेगा।
मिली स्वीकृति
मेलघाट टाइगर रिजर्व क्षेत्र में ब्रॉडगेज ट्रैक बनाने को लेकर राज्य शासन की अनुमति मिल गई है। अब प्रस्ताव केंद्र के पर्यावरण व वन मंत्रालय के पास भेजा गया है। अकोला से आकोट के बीच अंडर व ओवर ब्रिज निर्माण के टेंडर हो गए हैं।
- एके सिन्हा, डीआरएम, नांदेड़
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