
MP Khandwa Vidhan Sabha: खंडवा से मनीष करे। खंडवा विधानसभा क्षेत्र में अपेक्षित विकास नहीं हो सका है। शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में अधोसंरचात्मक विकास तो हुआ, लेकिन पर्याप्त संसाधन और मैनपावर की कमी से ये सौगातें आधी-अधूरी साबित हो रही हैं। विकास के दावे तो खूब किए जा रहे हैं, लेकिन अधिकांश योजनाएं बरसों से अधर में होने से लोगों को लाभ नहीं मिल पा रहा है। रोजगार यहां सबसे बड़ी समस्या है। हरसूद रोड पर रूधि में मप्र औद्योगिक विकास निगम लिमिटेड ने 148 हेक्टेयर में करीब 40 करोड़ की लागत से औद्योगिक क्षेत्र (रूधि ग्रोथ सेंटर) विकसित किया है। इसे 10 वर्ष हो चुके हैं, लेकिन एक भी बड़ा उद्योग स्थापित नहीं हुआ है।
जमीन का लीज रेट अधिक होने से उद्यमी यहां रुचि नहीं ले रहे हैं। भाजपा के देवेंद्र वर्मा यहां से विधायक हैं। उद्योगपतियों का कहना है कि लीज शुल्क दो से तीन गुना है। एकेवीएन द्वारा शुल्क कम नहीं करने और यहां तक पहुंचने के लिए रिंग या डायवर्सन रोड नहीं होने से भी उद्योगपति नहीं आ रहे हैं। इसी प्रकार मंडी टैक्स अधिक होने से खंडवा के परंपरागत उद्योग दाल मिल, काटन जीनिंग और आइल मिल कारोबारी भी महाराष्ट्र पलायन कर चुके हैं।
खंडवा में शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में कई सौगातें दी हैं। उद्योगों की कमी को देखते हुए गरीबों और युवाओं को विभिन्न योजनाओं के माध्यम से कर्ज उपलब्ध करवाने के साथ ही स्वरोजगार के अवसर दे रहे हैं। यातायात की समस्या भी देशगांव-रूधि नेशनल हाइवे शुरू होने पर हल हो जाएगी। नर्मदा जल योजना की नई लाइन स्वीकृत हो चुकी है। वैकल्पिक व्यवस्था अंतर्गत सुक्ता से खंडवा तक नई पाइप लाइन डाली गई है। इससे नर्मदा लाइन फूटने के दौरान लोगों को पानी मिलने से जलसंकट में राहत मिली है। - देवेंद्र वर्मा, विधायक
विकास के नाम पर खंडवा बुरी तरह पिछड़ चुका है। शहर के लिए कोई अच्छा प्लान नहीं है। मास्टर प्लान पर भी अमल नहीं हो रहा है। विधायक का ज्वलंत समस्याओं पर ध्यान नहीं है। वे स्वयं के विकास में जुटे हैं। नर्मदा जल योजना, ट्रांसपोर्ट नगर, बेरोजगारी, योजनाओं में भ्रष्टाचार,औद्योगिक शून्यता से भाजपा सरकार व विधायक की विफलता उजागर हो रही है। आए दिन पाइप लाइन फूटने से लोगों को पानी नहीं मिल पाता है। तीन पुलिया ओवर ब्रिज सालों से अधूरा है। युवा रोजगार के लिए भटक रहा है। - कुंदन मालवीया, 2018 के चुनाव में पराजित कांग्रेस प्रत्याशी
- खंडवा विधानसभा में 495 करोड़ की लागत से निर्माणाधीन जावर सिहाड़ा उद्वहन सिंचाई परियोजना। - 9.31 करोड़ की लागत से खंडवा नगर की पेयजल समस्या के निराकरण के लिए जसवाड़ी फिल्टर प्लांट से संपवेल तक नवीन पाइप लाइन बिछाई गई।
- अमृत योजना नर्मदा पाइप लाइन 137.5 करोड़ रुपये स्वीकृत।
- भगवंत सागर से जसवाड़ी तक पाइप लाइन के लिए 14 करोड़ रुपये स्वीकृति की ओर।
- खंडवा नगर के 107 करोड़ रुपये के बायपास की स्वीकृति और बजट प्रविधान।
- नगर में स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार के लिए 300 करोड़ के मेडिकल कालेज की सौगात। नगर में 10 संजीवनी क्लीनिक प्रारंभ होंगे।
रुधि ग्रोथ सेंटर में जमीन पर 100 रुपये प्रति वर्गफीट लीज ली जा रही है। इस कारण उद्योगपति नहीं आ रहे हैं। ग्रोथ सेंटर की अपेक्षा स्वयं जमीन खरीदकर उद्योग लगाना ज्यादा आसान है। लीज रेट आधी करने के साथ ही मंडी शुल्क में कमी करना चाहिए। कृषि आधारित उद्योगों की संभावना है। इससे स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा और युवाओं व जरूरतमंदों को रोजगार मिलेगा। - गुरमीत सिंह उबेजा, अध्यक्ष, चेंबर आफ कामर्स, खंडवा
मेडिकल कालेज व सुपर स्पेशिलिटी हास्पिटल के बाद भी विशेषज्ञ व स्टाफ के अभाव में मरीजों को इंदौर रेफर किया जाता है। खस्ताहाल सड़क से इंदौर पहुंचते-पहुंचते मरीजों की हालत और खराब हो जाती है। पीपीपी मोड पर स्विमिंग पूल 13 साल में भी पूर्ण नहीं हो पाया है। शहर में पेयजल संकट से निपटने के लिए 106 करोड़ की लागत से नर्मदा जल योजना लाई गई थी। पाइप लाइन बार-बार लाइन फूटने से जल वितरण प्रभावित होता है। जिले में दो बांध परियोजनाएं होने के बाद भी लोगों काे पेयजल के लिए प्रतिमाह 200 रुपये जल कर नगर निगम को चुकाना पड़ रहा है।
शहर की बदहाल यातायात व्यवस्था और अतिक्रमण क्षेत्रवासियों के लिए परेशानी का सबब हैं। प्रमुख बाजार व मार्गों पर वाहन पार्किंग स्थल नहीं होने से लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। बांबे बाजार, टाउन हाल, बुधवारा इंदौर रोड पर फुटपाथ और सड़क किनारे दुकानदार बाहर तक सामान फैलाने और ठेले खड़े रहने से आए दिन ट्रैफिक जाम का सामना करना पड़ता है। शहर में बायपास या रिंग रोड का अभाव होने से भारी वाहन शहर के मध्य से गुजरते हैं। इससे दुर्घटना का खतरा बना रहता है। करीब 20 साल से बायपास व रिंग रोड कागजों में उलझा हुआ है।