
नईदुनिया प्रतिनिधि, रीवा। श्रीजी कंपनी में एक बड़े वित्तीय घोटाले का मामला सामने आया है। कंपनी के रीवा कार्यालय में अकाउंट विभाग में कार्यरत कर्मचारी अतुल पाठक ने वर्ष 2018 से 2025 के बीच दस्तावेज़ों में हेरफेर और गलत तरीके से कंपनी को कुल 7 करोड़ 11 लाख रुपए का नुकसान पहुंचाया है। आरोपित अतुल पाठक ने यह फर्जीवाड़ा कई तरीकों से अंजाम दिया।
उसने कंपनी के खाते से 4 करोड़ 95 लाख रुपए सीधे अपने निजी खातों में ट्रांसफर किए। इसके साथ ही, उसने अपनी पत्नी निशा पाठक के खाते में 36.59 लाख रुपए भेजे, और काशी प्रसाद पाठक, ममता पाठक, और सागर तिवारी के खातों में भी लाखों रुपए जमा कर दिया।
आरोपित ने कंपनी को मिलने वाले 1.30 करोड़ रुपए भी अपने खाते में डाल लिए। इतना ही नहीं, कंपनी द्वारा बनवाए गए घर खरीदने वाले लगभग 10 ग्राहकों से प्राप्त 1.21 करोड़ रुपए भी उसने कंपनी के खाते के बजाय अपने निजी खाते में जमा कर लिए। यह घोटाला गत जून 2025 में तब उजागर हुआ।
जब कंपनी के भोपाल कार्यालय में कुछ कर्मचारियों के नौकरी छोड़ने के बाद अतुल पाठक का ट्रांसफर भोपाल कर दिया गया। उसकी जगह नियुक्त किए गए नए कर्मचारी ने जब दस्तावेजों की जांच की तो वित्तीय अनियमितता सामने आने लगीं। इसके बाद कंपनी ने ऑडिट कराया, जिसमें करोड़ों की हेराफेरी का यह पूरा मामला उजागर हो गया।
पुलिस जांच में पता चला कि आरोपी ने हड़पे गए इस पैसे से रीवा, सतना और कटनी में कई प्लॉट खरीदे हैं। उसने अपनी पत्नी ममता पाठक के नाम पर कटनी में जमीन खरीदकर मकान बनवाया है और एक अन्य जमीन पर निर्माण कार्य जारी बताया गया है। इसके अलावा, आरोपी ने सोना, गोल्ड बॉन्ड और एफडी (फिक्स्ड डिपॉजिट) में भी बड़ी राशि का निवेश किया है, जिसमें उसकी पत्नी के नाम से भी एफ़डी खुलवाई गई हैं। कंपनी की शिकायत पर विश्वविद्यालय पुलिस ने इस मामले में अतुल पाठक, पत्नी निशा पाठक, काशी प्रसाद पाठक, ममता पाठक, सागर पाठक सहित अन्य के खिलाफ मामला दर्ज कर विवेचना की जा रही है।
श्रीजी कंपनी की तरफ से थाने में आवेदन पत्र देकर अपने ही कर्मचारियों के विरुद्ध धोखाधड़ी का मामला बताया गया था। इसके बाद आवेदन पत्र की जांच की गई। कंपनी द्वारा गए लगाया गया आरोप प्रमाणित पाए गए,जिस पर मामला पंजीकृत कर मामले को विवेचना में लिया गया है। - हितेंद्र नाथ शर्मा, थाना प्रभारी विश्वविद्यालय