
संयज पांडेय, नईदुनिया, सागरः वीरांगना रानी दुर्गावती टाइगर रिजर्व में अफ्रीका से आने वाले चीतों को बसाने की तैयारी शुरू हो गई है। राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) के चीता प्रोजेक्ट के तहत नौरादेही में चीतों को बसाने के लिए टाइगर रिजर्व प्रबंधन को बजट भी मिल गया है। अब यहां चीतों के लिए क्वारंटाइन बाड़ा और सॉफ्ट रिलीज बाड़ा तैयार किए जा रहे हैं।
इसके साथ ही टाइगर रिवर्ज में करीब 20 किमी लंबी फेंसिंग भी तैयार की जा रही है। बजट मिलने के बाद नौरादेही टाइगर रिजर्व प्रबंधन ने बाड़ा बनाने का काम शुरू कर दिया है। टाइगर रिजर्व के डिप्टी डॉयरेक्टर डॉ. एए अंसारी का कहना है कि चीता प्रोजेक्ट के तहत भारतीय वन्यजीव संस्थान देहरादून से एक विशेषज्ञ दल जल्द ही यहां पहुंचेगा। जिसके दिशा-निर्देश के बाद काम में और तेजी आएगी।
डॉ. अंसारी ने बताया कि विशेषज्ञ दल ने अप्रैल और मई में टाइगर रिजर्व का दौरा किया था। इस दौरे के बाद चीतों को बसाने के लिए उन्होंने प्रबंधन को कई तरह के सुझाव दिए थे। इनमें चीतों की सुरक्षा, खाना-पानी के इंतजाम और मानव द्वंद से जुड़े कई महत्वपूर्ण विषय शामिल थे।
भारतीय वन्यजीव संस्थान के विशेषज्ञों ने नौरादेही टाइगर रिजर्व का दौरा कर सागर-दमोह की सीमा के जंगलों को चीतों के लिए उपयुक्त बताया था। इस क्षेत्र में सागर का मोहली, सिंगपुर रेंज और दमोह की झापन रेंज का करीब 600 वर्ग किलोमीटर एरिया शामिल है। इस क्षेत्र में मानव और चीतों के बीच द्वंद की आशंका के कारण 20 किलोमीटर लंबी फेंसिंग बनाई जा रही है।
टाइगर रिजर्व प्रबंधन को करीब पांच करोड़ का बजट मिल चुका है। इस बजट के मिलने के साथ ही फेंसिंग और बाड़ा बनाने की तैयारी भी शुरू हो गई है। माना जा रहा है कि फेंसिंग और पांच बाड़े तैयार होने के बाद साल 2026 के गर्मी में यहां चीतों को लाया जा सकता है।
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भारतीय वन्यजीव संस्थान के विशेषज्ञों ने इसके अलावा जल स्रोत बढ़ाने, ग्रास लैंड विकसित करने और शाकाहारी जानवरों की संख्या बढ़ाने के लिए कहा है। इस पर भी टाइगर रिजर्व प्रबंधन ने काम शुरू कर दिया है। जहां-जहां विस्थापन का काम हो रहा है, वहां ग्रास लैंड विकसित किए जा रहे हैं। जिन तीन रेंज में चीतों को बसाने का प्रस्ताव है, वहां जल स्रोत की संख्या भी बढ़ाई जा रही है।
चीता प्राेजेक्ट के तहत पांच करोड़ का बजट मिला है। प्रोजेक्ट के तहत क्वारंटाइन बाड़ा बनाना है। उसकी तैयारी कर ली है। चार सॉफ्ट रिलीज बाड़ा भी बनेंगे। बाकी बाउंड्री लाइन की फेंसिंग करना है। जिस एरिया में पहले चरण में चीतों को रखा जाना है, वहां पर हम करीब 20 किमी की फेंसिंग कर रहे हैं।
-डॉ. एए अंसारी, डिप्टी डायरेक्टर, रानी दुर्गावती टाइगर रिजर्व, सागर