
नईदुनिया प्रतिनिधि, शाजापुर। कृषि उपज मंडी में इन दिनों सोयाबीन और अन्य फसलों की अच्छी आवक देखने को मिल रही है। मंडी परिसर में सुबह से देर रात तक किसानों की आवाजाही व ट्रॉलियों की कतारें लगातार बढ़ती दिख रही हैं। मंडी में सोयाबीन की बंपर आवक का प्रमुख कारण इस बार भावांतर योजना भी बताई जा रही है। किसान योजना का लाभ लेने के लिए लगातार कृषि उपज मंडियों का रुख कर रहे हैं।
सोमवार को शाजापुर कृषि उपज मंडी में 8685 क्विंटल सोयाबीन की आवक रही। न्यूनतम भाव 2563 रुपए, अधिकतम 4765 रुपए और मॉडल रेट 4280 रुपए प्रति क्विंटल दर्ज किए गए। इससे पहले 21 नवंबर को सोयाबीन की इस सीजन की सबसे अधिक 13 हजार 291 क्विंटल आवक दर्ज की गई, जो इस वर्ष का नया रिकॉर्ड है। लगातार बढ़ रही आवक के कारण मंडी कर्मचारियों को अतिरिक्त ड्यूटी भी करनी पड़ रही है।
मंडियों में रिकॉर्ड तोड़ आवक ने प्रशासन की व्यवस्था संभालना चुनौतीपूर्ण बना दिया है। जिले में अब तक 26,929 किसानों ने चार लाख 13 हजार 713 क्विंटल सोयाबीन भावांतर योजना में बेची है, वहीं सिर्फ शाजापुर मंडी में 7143 किसानों ने एक लाख 12 हजार 658 क्विंटल उपज योजना में बेचकर लाभ लिया। किसान राधेश्याम जाट, महेश परमार, मुकेश पाटीदार आदि का कहना है कि पिछले महीने तो घाटा ही घाटा था, अब बाजार संभल रहा है। भावांतर योजना से थोड़ी राहत मिल रही है। अगर रेट और बढ़े तो मेहनत का अच्छा मूल्य मिलेगा।
सोयाबीन के भावों में पिछले कुछ दिनों में तेजी दर्ज की गई है। सिर्फ 18 दिनों में माडल रेट 4020 से बढ़कर 4280 रुपए प्रति क्विंटल हो गया। बाजार में लगातार सुधार दिखने से किसानों का रुझान भावांतर की ओर और ज्यादा बढ़ा है। मंडी में अब अधिकतम भाव 4765 रुपए प्रति क्विंटल तक पहुंच गया है। केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित एमएसपी 5328 रुपए प्रति क्विंटल से अभी भी कम है, लेकिन पिछले एक महीने की तुलना में यह बड़ा सुधार माना जा रहा है।
सोयाबीन का एमएसपी 5328 होने के बावजूद, लगातार एक महीने तक किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ा था। खेतों से मंडी तक सोयाबीन सिर्फ 2500 से 4000 रुपए प्रति क्विंटल में बिक रही थी।
मंडी में पहुंचने वाले किसानों की संख्या देखकर साफ हो रहा है कि भावांतर योजना किसानों के लिए आशा की नई किरण बनी है। कई किसान तो अपनी उपज एक दिन पहले ही ट्रालियों में भरकर मंडी परिसर में पहुंच जाते हैं, ताकि अगले दिन जल्दी तुलाई हो सके। ट्रैक्टर-ट्राली की लगातार बढ़ती कतारें मंडी परिसर को सुबह से ही भीड़ नजर आ रही हैं। भावांतर योजना के तहत खरीदी 24 अक्टूबर से शुरू हुई थी।
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सात नवंबर को मॉडल रेट 4020 रुपए प्रति क्विंटल तय था, जो अब बढ़कर 4280 रुपए हो गया है। यह सीधे 260 रुपए प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी है। मंडी कार्यालय के आंकड़े साफ बताते हैं कि जैसे-जैसे भाव सुधर रहे हैं, किसानों का रुझान भावांतर योजना की ओर तेजी से बढ़ रहा है। किसान उम्मीद जताते हैं कि यदि आवक थोड़ी कम हुई तो आने वाले दिनों में भाव और भी मजबूत हो सकते हैं।
शाजापुर मंडी सचिव भगवान सिंह परिहार ने कहा कि सोयाबीन मॉडल भाव में सुधार हुआ है। अब तक जिले में 26,929 किसानों ने चार लाख 13 हजार 713 क्विंटल सोयाबीन भावांतर योजना में बेची है, वहीं सिर्फ शाजापुर मंडी में 7143 किसानों ने एक लाख 12 हजार 658 क्विंटल उपज योजना में बेचकर लाभ लिया। आने वाले दिनों में भाव में तेजी रह सकती है।