Gudi Padwa 2025: चैत्र शुक्ल प्रतिपदा पर भगवान महाकाल को लगेगा श्रीखंड और पूरनपोली का भोग… नीम वाले जल से होगा अभिषेक
सनातन धर्म में चैत्र शुक्ल प्रतिपदा को सृष्टि के आरंभ का दिन माना गया है। हर हिंदू इसी दिन से नववर्ष की शुरुआत करता है। देशभर में इस दिन तरह-तरह की धार्मिक मान्यताओं का निर्वहन किया जाता है।
Publish Date: Sat, 22 Mar 2025 11:49:05 AM (IST)
Updated Date: Sat, 22 Mar 2025 01:09:46 PM (IST)
नीम मिश्रित जल से भगवान महाकाल के अभिषेक का फाइल चित्र।HighLights
- महाकाल मंदिरम में नवसंवत्सर की तैयारियां पूरी
- शिखर पर ध्वज व नैवेद्य कक्ष में होगा गुड़ी आरोहण
- पूजन परंपरा में नजर आएगा महाराष्ट्रीयन प्रभाव
नईदुनिया प्रतिनिधि, उज्जैन : विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर में चैत्र शुक्ल प्रतिपदा गुड़ी पड़वा पर 30 मार्च को हिन्दू नववर्ष का उत्सव मनाया जाएगा। सुबह 10.30 बजे भोग आरती में भगवान महाकाल को श्रीखंड व पूरनपोली का भोग लगेगा। मंदिर के शिखर पर ध्वज तथा नैवेद्य कक्ष में गुड़ी आरोहण होगा।
नए पंचांग का पूजन भी किया जाएगा। ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर की पूजन परंपरा में महाराष्ट्रीयन संस्कृति का प्रभाव है। सिंधिया स्टेट के समय से यह पूजन पद्धति प्रचलित है।
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सुबह 7.30 बजे बालभोग आरती, 10 बजे भोग
- चैत्र शुक्ल प्रतिपदा पर मंदिर में आयोजित होने वाले हिन्दू नववर्ष उत्सव में महाराष्ट्रीयन परंपरा के रंग नजर आते हैं। पं. महेश पुजारी ने बताया कि गुड़ी पड़वा पर सुबह भगवान महाकाल का नीम मिश्रित जल से अभिषेक कर पूजा अर्चना की जाएगी।
सुबह 7.30 बजे होने वाली बालभोग आरती के बाद मंदिर के शिखर पर नया ध्वज फहराया जाएगा। वहीं नैवेद्य कक्ष में गुड़ी आरोहण कर पूजा अर्चना की जाएगी। सुबह 10.30 बजे भोग आरती में भगवान को केसरिया श्रीखंड व पूरनपोली का भोग लगाया जाएगा।
चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से नए पंचांग की शुरुआत होती है। मंदिर की पूजन परंपरा तथा तीज त्यौहार ग्वालियर के पंचांग अनुसार मनाए जाते हैं। गुड़ी पड़वा पर नए पंचांग के पूजन की भी परंपरा है। सूर्य को अर्घ्य देकर करेंगे नव संवत्सर का स्वागत
चैत्र शुक्ल प्रतिपदा सृष्टि के आरंभ का दिन है। कालगणना की नगरी उज्जैन से इस दिन की शुरुआत हुई है। इसलिए नवसंवत्सर का उत्सव सबसे पहले उज्जैन की धर्मधरा पर मनाया जाता है।
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नगरवासी सूर्य की पहली किरण को अर्घ्य प्रदान कर सिद्धार्थी नवसंवत्सर 2082 का स्वागत करेंगे। सुबह 6 बजकर 27 मिनट पर दत्तअखाड़ा व रामघाट पर शंख, घंडे घड़ियाल की मंगल ध्वनि के साथ अर्घ्य अर्पण होगा।
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