नईदुनिया प्रतिनिधि, उज्जैन। पुलिस अधीक्षक प्रदीप शर्मा ने मंगलवार को एक भावुक निर्णय लेते हुए मृतक प्रधान आरक्षक की आठ वर्षीय पुत्री को बाल आरक्षक पद पर नियुक्ति प्रदान की। महाकाल थाना में पदस्थ प्रधान आरक्षक देवेंद्र सिंह रघुवंशी का 17 मई को अचानक हृदय गति रुकने से निधन हो गया था। इसके बाद पूरा परिवार शोकाकुल हो गया। मंगलवार को उनकी पत्नी अपनी पुत्री इच्छा के साथ पुलिस कंट्रोल रूम पहुंचीं और नियुक्ति के लिए आवेदन सौंपा।
पुलिस अधीक्षक ने आवेदन प्राप्त होते ही तुरंत प्रक्रिया शुरू कर दी और मात्र 25 मिनट के भीतर आदेश जारी कर बालिका को सौंप दिया। यह निर्णय परिवार के लिए भावनात्मक सहारा साबित हुआ।
नियम और प्रक्रिया
ऐसी नियुक्तियों में शासन के तय नियमों का पालन किया जाता है। नियमों के अनुसार यदि किसी पुलिसकर्मी की सेवा के दौरान मृत्यु हो जाती है तो उनके किसी एक बच्चे को बाल आरक्षक नियुक्त किया जा सकता है। अगर बच्चा नाबालिग है तो उसे नियुक्ति के बाद तय वेतनमान का आधा हिस्सा हर माह मिलता है। 18 वर्ष की आयु पूरी होने पर संबंधित को प्रशिक्षण देकर स्थायी नियुक्ति दी जाती है।