नईदुनिया प्रतिनिधि, उज्जैन। भाद्रपद मास की पूर्णिमा पर रविवार को पूर्ण चंद्र ग्रहण होगा। ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर में ग्रहण के कारण भगवान महाकाल की शयन आरती रात 10.30 बजे की बजाय एक घंटे पहले रात 9.30 बजे होगी। मंदिर के पट भी रात 11 बजे के बजाय 9.58 बजे बंद कर दिए जाएंगे। सांदीपनि आश्रम व शक्ति पीठ हरसिद्धि मंदिर में दोपहर 12.58 बजे ग्रहण के सूतक के समय से ही मंदिर के पट बंद कर दिए जाएंगे, जो अगले दिन शुद्धीकरण के बाद खुलेंगे।
धर्मशास्त्र व खगोल के जानकारों के अनुसार रविवार को पूर्ण चंद्रग्रहण रहेगा। यह ग्रहण उज्जैन में भी दिखाई देगा। रविवार रात नौ बजकर 56 मिनट पर ग्रहण की शुरुआत होगी। ग्रहण का मध्य रात 11 बजकर 41 मिनट पर तथा मोक्ष रात एक बजकर 26 मिनट पर होगा।
ग्रहण की कुल अवधी तीन घंटा 30 मिनट की रहेगी। ग्रहण का सूतक दोपहर 12 बजकर 58 मिनट पर लगेगा। धर्मशास्त्र की मान्यता के अनुसार ग्रहण के सूतक काल से ग्रहण मोक्ष होने तक की अवधि में देव प्रतिमाओं का स्पर्श, पूजा अर्चना, भोजन, शयन, मनोरंजन आदि निषेध है।
महाकाल मंदिर के प्रशासक प्रथम कौशिक ने बताया चंद्र ग्रहण के कारण मंदिर की दर्शन,पूजन व्यवस्था में बदलाव होगा। प्रतिदिन रात 10.30 बजे होने वाली भगवान महाकाल की शयन आरती एक घंटा पहले रात 9.30 बजे से होगी। मंदिर के पट भी एक घंटा पहले रात 11 बजाए 9.58 पर बंद कर दिए जाएंगे। 8 सितंबर को तड़के चार बजे मंदिर के शुद्धीकरण के उपरांत भस्म आरती होगी। इसी के अनुसार मंदिर की दर्शन व्यवस्था भी तय की जाएगी।