नईदुनिया प्रतिनिधि, उज्जैन। श्रावण-भादौ मास में निकलने वाली श्री महाकालेश्वर की सवारी को लेकर अधिकारी मुस्तैद हैं। गुरुवार को एडीजी उमेश जोगा, डीआइजी व एसपी सहित अन्य अधिकारियों ने सवारी मार्ग का निरीक्षण किया। पुरी में जगन्नाथ रथ यात्रा व अहमदाबाद रथ यात्रा के दौरान हुए हादसों से सबक लेकर योजना बनाई जा रही है।
सवारी के दौरान भीड़ अनियंत्रित होकर भगदड़ की स्थिति ना बने इसके लिए प्रेशर पाइंटों को चिन्हित किया जा रहा है। बीते वर्ष निकली सवारियों के वीडियो देखकर पाइंट चिह्नित किए जा रहे हैं। वर्तमान में महाकाल मंदिर में 1.30 लाख से 1.40 लाख लोग रोजाना आ रहे है। एडीजी उमेश जोगा, डीआईजी नवनीत भसीन, एसपी प्रदीप शर्मा गुरुवार को महाकाल सवारी मार्ग का निरीक्षण करने के लिए पहुंचे थे।
सवारी के दौरान लाखों श्रद्धालुओं के आने के कारण भीड़ अनियंत्रित ना होकर भगदड़ की स्थिति ना बने इसको लेकर विशेष तैयारियां की जा रही है। अधिकारी प्रेशर पाइंटों को चिन्हित करने में लगे है। जहां भीड़ का दबाव अधिक रहता है। इन स्थानों पर विशेष तौर पर बल लगाकर भीड़ को नियंत्रित किया जाएगा।
एडीजी उमेश जोगा ने बताया कि महाकाल सवारी को लेकर यह उनका पहला अनुभव होगा। ओडिशा के पुरी में निकली जगन्नाथ रथ यात्रा व अहमदाबाद में रथ यात्रा के दौरान हाथियों के अनियंत्रित होने की घटनाओं से सबक लिया गया है।
इस तरह की घटनाएं उज्जैन में ना हो इसके लिए विशेष प्रयास किए जा रहे है। बीते वर्ष निकली सवारी के वीडियो को देखकर प्रेशर पाइंट चिह्नित कर रहे है। जिससे की सवारी के दौरान भीड़ को कंट्रोल किया जा सके।
श्री महाकालेश्वर की सवारी के दौरान 1200 से अधिक पुलिसकर्मियों के अलावा वालेंटियर्स को तैनात किया जाएगा। पूरे सवारी मार्ग पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जा रहे है। महाकाल मंदिर परिसर के अलावा पुलिस कंट्रोल रूम से भी सवारी मार्ग पर भीड़ पर नजर रखी जाएगी।
इसके अलावा ड्रोन कैमरों से भी सवारी मार्ग पर पुलिसकर्मी नजर रखेंगे। एडीजी जोगा ने बताया कि सवारी मार्ग पर यह उनका दूसरा निरीक्षण है। इस तरह के निरीक्षण लगातार करते रहेंगे। इससे की व्यवस्था बनाने में मदद मिल सके।