
राजेश वर्मा, नईदुनिया, उज्जैन। ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर में 25 दिसंबर से नए साल की दर्शन व्यवस्था लागू हो जाएगी, जो पांच जनवरी तक यथावत रहेगी। इस दौरान सामान्य दर्शनार्थियों को त्रिवेणी संग्रहालय से महाकाल महालोक के रास्ते मंदिर में प्रवेश दिया जाएगा। भस्म आरती के दर्शन चलायमान व्यवस्था से होंगे। मंदिर प्रशासक प्रथम कौशिक के अनुसार, पिछले वर्ष भी इस अवधि में भक्तों की संख्या सर्वाधिक रही है।
इसलिए इस बार 25 दिसंबर से पांच जनवरी तक सामान्य दर्शनार्थियों को त्रिवेणी संग्रहालय द्वार से श्री महाकाल महालोक, मानसरोवर फैसिलिटी सेंटर, महाकाल टनल के रास्ते कार्तिकेय व गणेश मंडपम से भगवान महाकाल के दर्शन कराने का निर्णय लिया गया है। महाकाल दर्शन के बाद वह टनल के निर्गम मार्ग से बड़ा गणेश मंदिर की ओर बाहर निकलेंगे।
25 दिसंबर से पांच जनवरी तक अत्यधिक भीड़ के कारण मंदिर परिसर में भक्तों का प्रवेश बंद रहेगा। कार्तिकेय मंडपम से भस्म आरती के चलायमान दर्शन होंगे। मंदिर प्रशासन ने इस दौरान आनलाइन बुकिंग सुविधा भी बंद कर दी है। संभवत: ऑफलाइन सुविधा भी बंद रह सकती है। कालभैरव मंदिर में भी सामान्य और वीआईपी भक्तों के लिए अलग-अलग द्वार से प्रवेश की व्यवस्था रहेगी।
वहीं मंगलनाथ मंदिर में भातपूजा और सामान्य दर्शन की व्यवस्था एक साथ चलेगी। भातपूजा कराने वाले श्रद्धालु गर्भगृह में जा सकेंगे, जबकि सामान्य दर्शनार्थियों को सभामंडप से चलायमान दर्शन कराए जाएंगे।
नए साल पर हरिफाटक ओवरब्रिज के पास स्मार्ट पार्किंग और कर्कराज पार्किंग में वाहन रखने की सुविधा रहेगी। इस दौरान पेयजल, जूता स्टैंड और श्री महाकालेश्वर अन्नक्षेत्र में सुबह छह बजे से नाश्ता तथा दोपहर 12 बजे से रात आठ बजे तक भोजन की निश्शुल्क सुविधा मिलेगी।