नईदुनिया, उज्जैन : ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर में सपरिवार पहुंचे पूर्व मुख्यमंत्री एवं केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भगवान महाकाल की पूजा-अर्चना की। केंद्रीय मंत्री ने भगवान महाकाल को अपने दोनों बेटों के विवाह का निमंत्रण दिया।
गर्भगृह में पूजा-अर्चना के बाद उन्होंने नंदी मंडपम में भगवान नंदी के कानों में मन की मुराद मांगी। दर्शन के उपरांत पत्रकारों से शिवराज ने कहा कि दोनों बेटे कुणाल व कार्तिकेय का विवाह है। मांगलिक कार्य भगवान महाकाल के बिना पूरा नहीं हो सकता है, इसलिए उन्हें निमंत्रण देने आया हूं।
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इस बीच, खबर है कि ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर में गर्भगृह की दहलीज से दर्शन की व्यवस्था विवाद का कारण बन रही है। प्रोटोकाल दर्शन को लेकर भी स्थिति स्पष्ट नहीं है। नियमों को ताक में रखकर मनचाहे लोगों को वीआईपी सुविधा प्रदान की जा रही है। इस व्यवस्था के कारण पूजन परंपरा से जुड़े लोग प्रभावित हो रहे हैं।
व्यवस्था में सुधार के लिए महाकाल सेना ने प्रशासक को पत्र लिखा है। महाकाल सेना के राष्ट्रीय धर्म प्रकोष्ठ प्रमुख महेंद्र सिंह बैंस ने प्रशासक को लिखे पत्र में कहा है कि प्रोटोकॉल के नियमों का कड़ाई से पालन नहीं हो पा रहा है। गर्भगृह की दहलीज से दर्शन करने वालों का दिनभर तांता लगा रहता है। कई लोग इस सुविधा का लाभ उठा रहे हैं।
प्रोटोकाल किसे मिलना चाहिए, उसका निर्धारण होना चाहिए। प्रोटोकाल दर्शन की सुविधा सभी का निशुल्क मिलने से मंदिर समिति को आर्थिक नुकसान हो रहा है। सभा मंडपम के चांदी द्वार से प्रवेश देकर गर्भगृह की दहलीज से दर्शन कराने की व्यवस्था पूरी तरह से बंद होना चाहिए। इससे मंदिर में बहुत अव्यवस्था फैल रही है।
गर्भगृह की दहलीज पर दिनभर दर्शनार्थियों की भीड़ लगी रहती है। यहां कुछ लोग भगवान के साथ सेल्फी लेने की होड़ में दर्शन बाधित करते हैं। इससे नंदी, गणेश व कार्तिकेय मंडपम से दर्शन करने वाले भक्तों को खासी परेशानी होती है।
साथ ही पुजारी, पुरोहितों को पूजन के लिए गर्भगृह में आने जाने में व्यवधान उत्पन्न होता है। मंदिर की पूजन व धर्मपरंपरा को कायम रखने के लिए इस व्यवस्था को तत्काल प्रभाव से बंद किया जाना चाहिए।