
उज्जैन (नईदुनिया प्रतिनिधि)। ज्योतिर्लिंग महाकाल में श्रावण मास के चौथे सोमवार पर भगवान महाकाल भक्तों के लिए आम दिनों की अपेक्षा डेढ़ घंटा पहले जागेंगे। मंदिर की परंपरा अनुसार रविवार रात 2.30 बजे मंदिर के पट खुलेंगे। इसके बाद भगवान महाकाल की भस्म आरती होगी।
आम दिनों में महाकाल मंदिर के पट तड़के चार बजे खोले जाते हैं। मंदिर प्रशासक संदीप कुमार सोनी ने बताया कि मंदिर की परंपरा अनुसार श्रावण मास में प्रत्येक रविवार को रात 2.30 बजे तथा सप्ताह के शेष दिनों में रात तीन बजे मंदिर के पट खोले जा रहे हैं। श्रावण के चौथे रविवार रात 2.30 बजे पट खुलेंगे।
इसके बाद भस्म आरती होगी। जिन श्रद्धालुओं ने भस्म आरती दर्शन की अग्रिम अनुमति ली है, उन्हें नंदी व गणेश मंडपम् में बैठाकर दर्शन कराए जाएंगे। जिन भक्तों ने अनुमति नहीं ली है, उन्हें भी चलायमान व्यवस्था से भगवान महाकाल व भस्म आरती के दर्शन कराए जाएंगे।
भक्तों को भगवान महाकाल के दर्शन के लिए भस्म आरती संपन्न होने का इंतजार भी नहीं करना पड़ता है। मंदिर समिति अब चलित दर्शन व्यवस्था को और भी अधिक सुगम बनाने की तैयारी कर रही है। इसके लिए कार्तिकेय मंडप में दो और अतिरिक्त द्वारों का निर्माण किया जाएगा।
इससे अधिक सख्या में भक्त एक साथ अलग-अलग कतार से भस्म आरती के दर्शन कर सकेंगे। मंदिर प्रशासन के अनुसार देश विदेश के भक्तों में भगवान महाकाल की भस्म आरती के दर्शन की प्रबल इच्छा रहती है। प्रतिदिन सैकड़ों भक्त दर्शन अनुमति के लिए आवदेन करने आते हैं।
लेकिन गणेश व नंदी हॉल में बैठक क्षमता के अनुसार प्रतिदिन अधिकतम 1800 भक्तों को अनुमति दी जाती है। जिन भक्तों को दर्शन की अनुमति नहीं मिल पाती हैं, वे चलायमान व्यवस्था से भस्म आरती के दर्शन कर सकते हैं।