Ujjain News : उज्जैन (नईदुनिया प्रतिनिधि)। रेलवे स्टेशन पर प्लेटफार्म नंबर आठ पर खड़ी इंदौर-रतलाम पैसेंजर ट्रेन के खाली कोच में रविवार रात लगी आग की जांच के लिए रेलवे नेबबबबबबकी है। देर रात ही एडीआरएम सहित अन्य अधिकारी उज्जैन पहुंच गए थे। सोमवार को एफएसएल अधिकारी डा. प्रीति गायकवाड़ को भी बुलाया गया था। पता चला कि शार्ट-सर्किट से ट्रेन में आग नहीं लगी है। कोच की बैटरियां सुरक्षित मिली हैं, वहीं ट्रेन में कहीं से भी कोई पावर सप्लाय नहीं हो रहा था। बदमाशों द्वारा आगजनी किए जाने की आशंका जताई जा रही है।
प्लेटफार्म नंबर आठ पर रविवार रात करीब 8 बजकर 40 मिनट पर इंदौर-रतलाम पैसेंजर ट्रेन का खाली रैक खड़ा किया गया था। इंजन हटा लिया गया था और ट्रेन के सभी कोच के दरवाजे तथा खिड़की को बंद कर दिया गया था। बिजली सप्लाय भी बंद कर दिया गया था। रात करीब 10 बजकर 55 मिनट पर एक एमआर अजीम परवेज खान ने कोच में आग लगी देखकर दमकलकर्मियों को फोन किया था। इसके बाद आग पर काबू पाया गया था।
डीआरएम ने रात को ही दिए जांच के आदेश
रतलाम मंडल के डीआरएम रजनीश कुमार ने रविवार रात को आग लगने के बाद हाई लेवल कमेटी को जांच के आदेश दिए थे। रात को ही एडीआरएम अशफाक अहमद व अन्य अधिकारी उज्जैन पहुंच गए थे। रातभर अधिकारियों ने कारणों की जांच की। इसके अलावा सीसीटीवी कैमरों के फुटेज भी खंगाले गए थे।
एफएसएल अधिकारी बोलीं- शार्ट-सर्किट से नहीं लगी आग
जीआरपी व रेलवे अधिकारियों ने जांच के लिए एफएसएल अधिकारी डा. प्रीति गायकवाड़ को भी बुलाया था। जांच के बाद डा. गायकवाड़ ने बताया कि आग लगने का कारण शार्ट-सर्किट नहीं है। कोच की सभी बैटरियां सुरक्षित हैं। आग वहां से नहीं फैली थी।
आशंका है कि आग किसी ने लगाई है। रेलवे अधिकारियों, आरपीएफ व जीआरपी के अधिकारियों का कहना था कि सीसीटीवी कैमरों के फुटेज में कोई आता-जाता नहीं नजर आ रहा है। एफएसएल अधिकारी का कहना था कि सीसीटीवी कैमरों में प्लेटफार्म का आधा क्षेत्र ही कवर हो रहा है। कोच के दूसरी ओर का क्षेत्र कवर नहीं हो रहा है। आग जिस तरह से फैली है उससे लगता है कि किसी शरारती तत्व ने ही आग लगाई है।
रेलवे अधिकारी इससे सहमत नहीं हैं। उनका कहना है कि ट्रेन के सभी कोच के दरवाजों व खिड़कियों को पूरी तरह बंद कर दिया गया था। आगजनी को लेकर रेलवे अधिकारियों, आरपीएफ व जीआरपी के अधिकारियों में आपसी सामंजस्य की कमी नजर आ रही है।
90 लाख रुपये का नुकसान
रेलवे सूत्रों का कहना है कि आगजनी से कोच पूरी तरह जल गया है। पैसेंजर ट्रेनों के कोच की कीमत 80 से 90 लाख रुपये होती है। आग के कारण कोच की सीटें, गद्दे, पंखे, सभी सामान पूरी तरह जल चुका है।
इनका कहना है
खाली कोच में लगी आग को रेलवे गंभीरता से ले रहा है। मामले की जांच के लिए कमेटी बनाई गई है। सभी बिंदुओं पर जांच की जा रही है। जांच पूरी होने के बाद ही आगजनी का कारण स्पष्ट होगा।
रजनीश कुमार, डीआरएम रतलाम मंडल