भारी पुलिस बल व अधिकारियों की समझाइश के बाद स्थिति सामान्य हो पाई। पुलिस ने जांच के बाद कमल जाल, मुकेश जाल, सेवाराम मालवीय, सुमित जाल, रोहीत मालवीय, नरेन्द्र मालवीय, राहुल मालवीय, अजय मालवीय, रामचन्द्र मालवीय, कन्हैयालाल मालवीय, महेन्द्र मालवीय, मंजूबाई, यशोदाबाई, महीमा मालवीय, वंदना मालवीय, गंगाबाई मालवीय, आशाबाई मालवीय, अंतरबाई मालवीय, जगदीश चौहान, करण मालवीय, निर्भय मोगीया, श्याम चोहान चौहान, रवि जाल, रवि सोलंकी, रामप्रसाद जाल, सुनिल मालवीय, महेश कुसमारिया, कमल मालवीय, राहुल नरवरिया, जितेन्द्र चौहान, शुभम, पीरुलाल, सूरज बलाई, विजय बलाई, प्रेम मालवीय, नवीन बलाई एवं अन्य तथा नितेश गामी, दिलीप गामी, विजय लाकड़, ओमप्रकाश पाटीदार, विनय सरिया, रवि पाटीदार, संजय पाटीदार, अंकित पाटीदार, ललित पाटीदार, भोला लाकड़, नितेश पाटीदार, जितेन्द्र गामी, कैलाशचन्द्र पाटीदार, संतोष बोहरा, मूलचंद लाकड़, विनोद गामी, अर्जुन पाटीदार एवं अन्य सहित कुल 53 ज्ञात एवं अन्य अज्ञात आरोपितों के विरुद्ध प्रकरण दर्ज हुए हैं।
वहीं दोनों पक्षों के 22 उपद्रवियों को गिरफ्तार कर लिया है। इधर, गिरफ्तारी के विरोध में हरिजन समाजजन शनिवार को कोठी पैलेस पहुंचे। यहां धरना देने के बाद जांच की मांग को लेकर ज्ञापन सौंपा।
15 साल पुराने मामले ने लिया विवाद का रूप
माकड़ोन में पटेल-आंबेडकर मूर्ति लगाने का विवाद नया नहीं है। बीते 15 वर्षों से माकड़ोन के मंडी गेट के सामने चौराहे पर डा. भीमराव आंबेडकर और सरदार वल्लभभाई पटेल ही नहीं, महाराणा प्रताप की मूर्ति लगाने की भी मांग की जा रही है। जानकारी अनुसार बस स्टैंड के नामकरण को लेकर भी विवाद की स्थिति बनी थी। बाद में बस स्टैंड का नाम डा. आंबेडकर के ऊपर करने पर आम सहमति बनी। इसके बाद अब चौराहे पर आंबेडकर की मूर्ति लगाने पर भी विवाद शुरू कर दिया गया। बताया जाता है कि चौराहे पर राजपूत समाज महाराणा प्रताप, पाटीदार समाज सरदार वल्लभ भाई पटेल और हरिजन समाज डा. भीमराव आंबेडकर की मूर्ति लगाना चाहता है।