
नईदुनिया प्रतिनिधि, उमरिया/मंडला। शराब ठेकेदारों व आबकारी विभाग की अंधेरगर्दी के मामले सामने आए हैं। एक स्थान पर प्रधानमंत्री आवास को ही शराब दुकान बना दिया गया, जबकि दूसरी जगह शराब दुकान संचालक ने स्कूली छात्रा को शराब बेची। इन दोनों मामलों में वीडियो वायरल होने के बाद प्रशासन हरकत में आया है। अब मामले की जांच के बाद कार्रवाई की बात कही जा रही है।
पहली खबर आई उमरिया जिले के अमरपुर गांव से, जहां आबकारी विभाग की अनुशंसा और प्रशासन की अनुमति से प्रधानमंत्री आवास में ही शराब दुकान संचालन की अनुमति दे दी गई। गांव के सरपंच तीरथ प्रसाद कोल का कहना है कि यह आवास संजू कोल नामक हितग्राही के नाम पर स्वीकृत है, जिसमें शराब की दुकान खोल कर योजना का मखौल उड़ाया जा रहा है।
इसी तरह से मंडला जिले के नैनपुर में संचालित कंपोजिट शराब की दुकान से स्कूली छात्रा को शराब बेचने का मामला प्रकाश में आया। इस मामले का एक वीडियो वायरल हुआ तो प्रशासन हरकत में आया। शुक्रवार की शाम ही प्रशासन और आबकारी विभाग के अधिकारी संबंधित शराब दुकान में पहुंच गए। उन्होंने जहां दुकान के दस्तावेजों और स्टॉक की जांच की, वहीं आसपास के सीसीटीवी फुटेज भी खंगाले।
सीसीटीवी फुटेज में अधिकारियों को साफ दिखाई दिया कि दुकान से स्कूली छात्रा को शराब बेची गई। जबकि इस पर प्रतिबंध है। इस मामले में आबकारी एक्ट के तहत आपराधिक प्रकरण तैयार कर कलेक्टर की न्यायालय में प्रस्तुत किया जा रहा है।
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उमरिया जिला पंचायत सीईओ अभय सिंह कोहरिया ने कहा कि अमरपुर स्थित पीएम आवास में शराब की दुकान संचालित होने की सूचना मिली है। पीएम आवास का कमर्शियल उपयोग नहीं किया जा सकता है। मामले की जांच कराई, जाएगी। तथ्यों की पुष्टि होने पर सख्त कार्रवाई होगी।
मंडला जिला आबकारी अधिकारी रामजी लाल पांडे ने कहा कि नैनपुर की कंपोजिट शराब की दुकान से स्कूली छात्रा को शराब बेचे जाने की पुष्टि हुई है। प्रकरण बनाकर कलेक्टर न्यायालय में प्रस्तुत किया जा रहा है। ऐसे मामलों में ठेकेदार पर दो लाख रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान है।