नईदुनिया प्रतिनिधि, विदिशा। एक पिता अपने बेटे का पोस्टमार्टम कराने के लिए जीआरपी से लेकर जिला अस्पताल तक के चक्कर काटता रहा, इसके बाद भी समय पर पोस्टमार्टम नहीं हो सका। पिता के मुताबिक, रविवार सुबह आठ बजे शव जिला अस्पताल पहुंच गया था, जबकि शाम को पांच बजे पोस्टमार्टम हो सका। जीआरपी ने देरी का कारण पोस्टमार्टम के लिए ऑनलाइन प्रक्रिया होना बताया है। शहर के टीलाखेड़ी निवासी परसराम यादव ने बताया कि उनका 25 वर्षीय बेटा सुरेंद्र यादव सोलर सिस्टम लगाने का काम करता था।
शनिवार की शाम को वह अपने मित्र के जन्मदिन पार्टी में शामिल होने के लिए गंजबासौदा गया था, लेकिन सुबह उन्हें खबर मिली कि वह ट्रेन की चपेट में आ गया। जिस दोस्त की जन्म दिन पार्टी में शामिल होने गया था, उसका कहना है कि उसे रात को ही ट्रेन में बैठा दिया था। जीआरपी ने शव को जिला अस्पताल पहुंचाया, जहां पोस्टमार्टम होना था, लेकिन पूरी प्रक्रिया में आठ घंटे का समय लग गया। पोस्टमार्टम में हुई देरी को लेकर जीआरपी थाना प्रभारी आरएन रावत का कहना है कि अब ऑनलाइन प्रक्रिया होने लगी है।
पंचनामा बनाने के बाद पोर्टल पर पूरी जानकारी अपलोड की जाती है। इसके बाद पुलिस अस्पताल पहुंचकर सूचना देती है। वहां पोर्टल पर जब तक जानकारी नहीं दिखती, तब तक डॉक्टर पोस्टमार्टम नहीं करते। रविवार को यही हुआ। हमने दोपहर एक बजे आनलाइन जानकारी दे दी थी, लेकिन अस्पताल में सिस्टम पर दिखाई नहीं दे रही थी, जिससे पोस्टमार्टम होने में देरी हुई।
जीआरपी ने दोपहर करीब एक बजे मेडलीपर पोर्टल पर जानकारी अपलोड कर दी थी, लेकिन हमारे पास दिखाई नहीं दे रही थी, इसलिए पोस्टमार्टम करने में देरी हुई है। हमें पोर्टल के माध्यम से ही प्रक्रिया पूरी करने के निर्देश हैं, लेकिन जब देर होने लगी तो हमने बाद में आफ लाइन पोस्टमार्टम की प्रक्रिया की और शव का पोस्टमार्टम किया। पोर्टल पर कोई तकनीकी दिक्कत हुई थी। - डॉ. धर्मेन्द्र रघुवंशी, ऑन ड्यूटी डॉक्टर
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