Health Tips: यूनानी चिकित्सा पद्धति से पेट से दिल तक की व्याधियों का कारगर इलाज संभव
एम्स, भोपाल में चिकित्सा अधिकारी डा. बरकती मो तारिक ने यूनानी चिकित्सा पद्धति के बारे में काफी उपयोगी जानकारी दी।
By Ravindra Soni
Edited By: Ravindra Soni
Publish Date: Fri, 19 May 2023 09:45:40 AM (IST)
Updated Date: Fri, 19 May 2023 09:45:40 AM (IST)

भोपाल, नवदुनिया प्रतिनिधि। यूनानी चिकित्सा एक प्राचीन और बेहतर उपचार प्रणाली है। एलोपैथिक ट्रीटमेंट सिस्टम के जन्म से पहले यूनानी दवाएं दुनियाभर में काफी प्रचलित थीं। हालांकि, अब भी विश्व के कई हिस्सों में यूनानी चिकित्सा को एक महत्वपूर्ण इलाज के रूप में स्थान दिया गया है। मेडिकल साइंस के विकास में भी यूनानी मेडिसिन का काफी योगदान रहा है। यूनानी चिकित्सा में आसपास की चीजों और वातावरण का स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभाव की पहचान करता है। यूनानी चिकित्सा प्रणाली का उपयोग शरीर के सभी अंगों में होने वाले रोगों क इलाज करने के लिए किया जाता है। एम्स, भोपाल में चिकित्सा अधिकारी डा. बरकती मो तारिक ने यूनानी चिकित्सा पद्धति के बारे में काफी उपयोगी जानकारी दी।
डा. तारिक ने बताया कि चेहरे व मुंह से संबंधित रोग दुनियाभर में आम समस्या बन गए हैं। मुंह व चेहरे में आमतौर पर सूजन, लालिमा व संक्रमण संबंधी समस्याएं होती हैं। यूनानी दवाओं में एंटी-बैक्टीरियल (जीवाणुओं को रोकने वाली), एंटी-इंफ्लेमेट्री (सूजन कम करने वाली) और दर्द कम करने वाले गुण पाए जाते हैं। इन दवाओं की मदद चेहरे व मुंह संबंधी रोगों का इलाज किया जाता है। जठरांत्र संबंधी विकार का भी उपचार यूनानी में मौजूद है। हर दूसरे व्यक्ति को पेट संबंधी कोई न कोई समस्या मिल ही जाती है। ऐसा आमतौर पर अस्वास्थ्यकर खान-पान की आदतों के कारण होता है। वातावरण और बदलती जीवनशैली को देखते हुए हर यूनानी चिकित्सा प्रणाली में विभिन्न औषधिया मिलाकर दवाएं तैयार की है, जिनसे पेट व आंत संबंधी सभी समस्याओं को ठीक किया जा सकता है। इन दवाओं की मदद से अपच, कब्ज, पेट फूलना, दस्त, डकार, उल्टी और उबकाई आने जैसी समस्याओं का इलाज किया जाता है। वहीं हृदय संबंधी रोग में यूनानी चिकित्सा प्रणाली की मदद से हृदय संबंधी विकारों का इलाज भी किया जाता है।
उन्होंने बताया कि फारसी हाकिम इब्न सिना ने अपनी किताब 'अदविया-ए-कलबियाह' में 63 अलग-अलग प्रकार की यूनानी दवाओं का वर्णन किया है, जिनका उपयोग हृदय विकारों का इलाज करने के लिए किया जा सकता है। इन सभी दवाओं में से मरीज के लिए कौन-सी दवा उचित है, इसका निर्धारण मरीज की स्थिति व रोग के कारण को देखते हुए किया जाता है।