डिजिटल डेस्क, इंदौर। दांतों में कैविटी होना एक आम समस्या बन चुकी है। कैविटी होना एक तकलीफ देने वाला अनुभव होता है क्योंकि छोटी सी दिखने वाली कैविटी असल में अंदर ही अंदर गंभीर रूप भी ले सकती है।
इसलिए कैविटी से बचाव ही इसका सही इलाज है। दरअसल, दांतों की परत पर एक बार कैविटी होने शुरू हो गई तो इसे रिवर्स करना मुश्किल है। ध्यान न देने पर ये दांत की जड़ों तक भी फैल सकती है, जिससे निपटना और भी कठिन हो जाता है।
इसलिए भलाई इसी में है कि डेंटल कैविटी को शुरू होने से पहले ही रोक लिया जाए। ऐसा करने के लिए अपनाने पड़ेंगे कुछ ऐसे टिप्स, जिससे डेंटल कैविटी रहेगी हमेशा दूर...
फाइबर ग्लूकोज के एब्जॉर्पशन को धीमा करता है, जिससे कैविटी से बचाव होता है। कैल्शियम, फॉस्फोरस और विटामिन डी दांतों की परतों को मजबूत बनाते हैं, जिससे कैविटी दूर होती है।
सेब, गाजर, मूली, अमरूद जैसे क्रंची और हेल्दी फूड्स खाने से दांतों पर जमे स्टिकी फूड्स साफ होने में मदद मिलती है। ये नेचुरल टूथब्रश का काम करते हैं, सलाइवा सक्रिय रूप से अपना काम करता है और इससे कैविटी से बचाव होता है।
स्टिकी गमी या कैंडी के सेवन से दूरी बनाएं। इनमें मौजूद शुगर दांतों से चिपक जाते हैं, जिसे बैक्टीरिया अपना आहार बनाने लगते हैं और दांतों में कैविटी बनाना शुरू कर देते हैं। कुछ मीठा खाने के बाद पानी से कुल्ला जरूर करें।
चिप्स, कैंडी ही नहीं बल्कि असामयिक स्नैकिंग करने से भी कैविटी संभव है। भले ही वो फूड हेल्दी हो, लेकिन जब हर समय हम स्नैकिंग करते हैं, तो इससे दांतों पर खाने की लेयर बनते जाती है जो कि नियमित रूप से साफ न होने पर कैविटी का कारण बन जाती है।
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इससे कैविटी की शुरुआत होने से पहले ही आपको इस बात की जानकारी हो जाएगी कि आपके दांतों में कैविटी है या नहीं है, या भविष्य में होने की आशंका है। इसलिए डेंटिस्ट से चेकअप कराना न भूलें। वे आपके ओरल हेल्थ के अनुसार आपको गाइड भी करेंगे, जिससे ओरल कैविटी की अन्य बिमारियों से भी बचाव होता है।
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ये एक ऐसा मिनरल है, जो दांतों की बाहरी परत एनामेल को मजबूत बनाता है और कैविटी से बचाव करता है। अपने टूथपेस्ट और माउथवॉश दोनों ही नैनोहाइड्रोक्सीएपीटाइट युक्त ही चुनें, जिससे कैविटी से बचाव किया जा सके।