हेल्थ डेस्क, नईदुनिया। सोते समय मुंह से लार निकलना (सिआलोरेहिआ) एक सामान्य समस्या है, लेकिन कभी-कभी यह किसी गंभीर स्वास्थ्य स्थिति का संकेत हो सकता है। यह समस्या सभी आयु वर्ग के लोगों में हो सकती है। इसके पीछे कई कारण होते हैं।
मुंह से सांस लेना: नाक बंद होने या एलर्जी के कारण लोग सोते समय मुंह से सांस लेते हैं, जिससे लार अधिक निकलता है।
सोने की स्थिति: करवट लेकर या पेट के बल सोने से लार मुंह के बाहर आ सकती है।
एसिड रिफ्लक्स और दवाएं: एसिड रिफ्लक्स गले में जलन पैदा करता है, जिससे लार अधिक बनती है। कुछ दवाएं भी इसका कारण हो सकती हैं।
तंत्रिका संबंधी और अन्य कारण: पार्किंसंस, मल्टीपल स्क्लेरोसिस, तनाव, शराब या ड्रग्स का सेवन, और नींद की कमी भी लार टपकने के प्रमुख कारण हैं।
लार टपकने के लक्षणों में मुंह और ठुड्डी का गीला होना, सांसों की दुर्गंध, त्वचा की जलन और दांतों की सड़न शामिल हैं। लंबे समय तक लार बहने से त्वचा संक्रमण, आत्मविश्वास में कमी, और सामाजिक असुविधा जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
आहार में बदलाव: देर से पचने वाले भोजन और अम्लीय खाद्य पदार्थों से परहेज करें।
तुलसी और आंवला: दिन में 2-3 बार तुलसी के पत्ते चबाएं और आंवला पाउडर का सेवन करें।
फिटकरी और दालचीनी: फिटकरी के पानी से कुल्ला करें और दालचीनी की चाय पिएं।
सोने की स्थिति: पीठ के बल सोने का प्रयास करें और नाक साफ रखें।
अगर लार टपकना लंबे समय तक जारी रहे, साथ में सांस लेने में कठिनाई, गले की जलन, या अन्य तंत्रिका संबंधी समस्याएं हों, तो तुरंत डॉक्टर से परामर्श लें। यह किसी गंभीर स्थिति जैसे स्लीप एप्निया, पार्किंसंस, या एसिड रिफ्लक्स का संकेत हो सकता है।
डिस्क्लेमर: यह आर्टिकल केवल सामान्य जानकारी के लिए है। नईदुनिया या जागरण समूह इसको लेकर किसी भी प्रकार दावा नहीं करता। कोई भी समस्या होने पर चिकित्सीय सलाह लेना आवश्यक है।