
नईदुनिया, जबलपुर (Color therapy)। चित्रकार प्रमोद कुशवाहा ने बताया कि आज के समय में अधिकांश लोग तनाव में रहते हैं। कलर थैरेपी से तनाव मुक्त होने में मदद मिल सकती है। चित्रकारी के क्षेत्र में पिछले 25 वर्षों से हैं और कलर थैरेपी से बहुत लोगों को फायदा हुआ है। इसके लिए प्रतिदिन 20 मिनिट का समय निकालकर विशेष पेटिंग्स को देखना चाहिए, जिससे तनाव दूर होता है। शरीर स्वस्थ्य होता है। कुछ रंगों एवं चित्रों के माध्यम से शरीर के शुद्धिकरण, रोग और व्याधियों को दूर करने का चित्र तैयार किया है। जिसे कई जगह प्रदर्शित भी किया जा चुका है। अभी तक 1300 से अधिक लोगों को कई समस्याओं से राहत मिल चुकी है।

चित्रकार प्रमोद कुशवाहा ने कहा कि शरीर के अंग, अवयव और धातुएं रंगों से प्रभावित होती है। रंगो के समुचित मात्रा में सम्मिश्रण से संतुलन से शरीर स्वस्थ्य और निरोग रहता है। कुछ रंगो एवं चित्रों के माध्यम से शरीर के शुद्धिकरण, रोग और व्याधियों को दूर करने के लिए चित्र तैयार किए है। किसी चित्र विशेष ही नहीं बल्कि किसी विशेष वस्तु पर ध्यान केंद्रित करने सभी मन को शांति मिलती है। कोई भी व्यक्ति यदि किसी चित्र को एकाग्रचित होकर देखता है, तो निश्चित ही उसका तनाव कम होता है। हर व्यक्ति को सकारात्मक सोचा रखनी चाहिए।

शासकीय ललित कला महाविद्यालय की प्राचार्य डा राजलक्ष्मी त्रिपाठी के अनुसार भौतिक शास्त्र कहता है कि हर रंग की फ्रीक्वेंसी होती है। हमारी बाडी भी फ्रीकेंवी में चलती है। साउंड से हीलिंग थैरेपी होती है। आंखे भी हमारे पांच सेसेंस में एक प्रमुख अंग है। जब हम कोई रंग देखते है, तो हमारे ब्रेन को जो रिफलेक्शन मिलता है, उसका मस्तिष्क पर अच्छा और बुरा प्रभाव होता है। कुछ कलर स्वास्थ्यवर्धक होते हैं। कलर थैरेपी का साइंस हर जगह है। वास्तु को भी कनेक्ट किया जा सकता है। सकारात्मक बायोलाजिकल सिस्टम कलर को रिस्पांस देता है। कलर थैरेपी तनाव मुक्त करने के बहुत प्रभावशाली है।