
डिजिटल डेस्क। पिछले कुछ दिनों से 8वें वेतन आयोग (8th Pay Commission) को लेकर चल रही चर्चाओं और विवादों पर आखिरकार सरकार ने स्पष्ट जवाब दे दिया है। सोशल मीडिया और कई रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा था कि केंद्र सरकार 69 लाख पेंशनभोगियों को आयोग के दायरे से बाहर कर सकती है। इस मुद्दे पर ऑल इंडिया डिफेंस एम्प्लॉइज फेडरेशन (AIDEF) ने आपत्ति भी जताई थी और वित्त मंत्रालय को पत्र लिखकर टर्म ऑफ रेफरेंस (ToR) में गंभीर असंगतियों की तरफ ध्यान दिलाया था। लेकिन अब सरकार ने साफ कर दिया है कि आठवें वेतन आयोग का लाभ सभी 69 लाख पेंशनभोगियों को मिलेगा।
वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने 8 दिसंबर 2025 को लोकसभा में लिखित जवाब देते हुए बताया कि 50.14 लाख केंद्रीय कर्मचारी, करीब 69 लाख पेंशनभोगी 8th Central Pay Commission (8th CPC) की सिफारिशों से सीधे प्रभावित होंगे। उन्होंने यह भी कहा कि आयोग की सिफारिशें स्वीकार होने के बाद उन्हें लागू करने के लिए बजट में आवश्यक प्रावधान किए जाएंगे, क्योंकि यह केंद्र सरकार के लिए एक बड़ा व्यय होगा।
कर्मचारियों के बीच चर्चा थी कि 8वां वेतन आयोग 1 जनवरी 2026 से प्रभावी हो सकता है। लेकिन मंत्री पंकज चौधरी ने इन अटकलों को खारिज करते हुए कहा कि लागू होने की तारीख पर अभी कोई निर्णय नहीं लिया गया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि तारीख सरकार तय करेगी, और इस पर फिलहाल विचार जारी है।
सरकार ने जानकारी दी कि 8वां वेतन आयोग पहले ही गठित किया जा चुका है, इसका टर्म ऑफ रेफरेंस 3 नवंबर 2025 को जारी हुआ और आयोग अपनी प्रक्रिया, कार्यपद्धति और समयसीमा खुद निर्धारित करेगा। सरकार का अनुमान है कि आयोग को अपनी रिपोर्ट देने में नोटिफिकेशन की तारीख से लगभग 18 महीने लग सकते हैं।
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लोकसभा में सांसद एनके प्रेमचंद्रन, तिरु थंगा तमिलसेल्वन, डॉ. गणपति राजकुमार पी और धर्मेंद्र यादव ने निम्नलिखित सवाल पूछे थे-
मंत्री ने इन सभी पर दोहराया कि लागू होने की तारीख पर फैसला अभी लंबित है, और आयोग अपनी रिपोर्ट समय पर सौंपेगा।
सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि 8वें वेतन आयोग पर काम शुरू हो चुका है। कर्मचारियों और 69 लाख पेंशनभोगियों दोनों को लाभ मिलेगा, लेकिन 1 जनवरी 2026 से लागू होने को लेकर कोई अंतिम फैसला नहीं हुआ है। इससे कर्मचारियों और पेंशनर्स के बीच फैला भ्रम काफी हद तक दूर हो गया है।