डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल में इन दिनों भारी बारिश ने भयावह रूप ले लिया है। दार्जिलिंग जिले में एक दुधिया आयरन पुल का एक हिस्सा बह गया और नेशनल हाइवे समेत कई मार्गों पर भूस्खलन से संपर्क टूट गया है। इस विनाशकारी घटना में कम-से-कम 17 लोगों की मौत हुई है और कई अन्य अभी लापता हैं।
अधिकारियों ने बताया कि यह हादसा दार्जिलिंग-सिलीगुड़ी रोड पर हुआ, जो पूर्वोत्तर राज्यों और उत्तर बंगाल को जोड़ने वाला मुख्य मार्ग है। पुल ढहने का कारण बेहद तीव्र बारिश और पहाड़ी ढलानों में मिट्टी खिसकना बताया जा रहा है। कुछ हिस्से में सड़क धंसने और मिट्टी के मलबे ने मार्ग को पूरी तरह अवरुद्ध कर दिया है।
राहत एवं बचाव दल लगातार राहत अभियान चला रहे हैं। प्राथमिक जानकारी के अनुसार, मलबे से अब तक 7 शव बरामद किए गए हैं तथा अन्य 10 की मौत होने की जानकारी है। लेकिन अभी और शव मिलने की संभावना बनी हुई है। कुर्सेओंग के एडिशनल एसपी अभिषेक रॉय ने बताया कि दुलाराम और रोहिणी रोड बंद हो चुकी हैं और पनकहबरी रोड की हालत बेहद खराब है।
#WATCH | West Bengal Movement of vehicles has been restricted on the Siliguri-Darjeeling SH-12 road after a portion of Dudhia iron bridge collapsed due to heavy rain in North Bengal. pic.twitter.com/0Rv61YekTa
— ANI (@ANI) October 5, 2025
पुल टूटने व सड़क धंसने की घटनाओं के कारण सिलीगुड़ी, मिरिक, मदारीहाट एवं कालिम्पोंग क्षेत्रों का संपर्क पूरी तरह कट गया है। दार्जिलिंग और सिक्किम को जोड़ने वाला मार्ग बंद पड़ा है। नेशनल हाइवे 10 व NH 717A पर कई जगहों पर भूस्खलन हुआ है, जिससे आवागमन ठप हो गया है। तीस्ता, तोरसा और जलढाका नदियाँ उफान पर हैं और बाढ़ जैसी स्थिति बनी है।
#WATCH | Kalimpong, West Bengal | NH 10 from Siliguri to Sikkim is completely closed due to an increase in the water level of the Teesta river following heavy rain. pic.twitter.com/ICKYbQUReB
— ANI (@ANI) October 5, 2025
जलपाईगुड़ी, सिलीगुड़ी और कूचबिहार में भारी बारिश से बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई है। सड़कें जलमग्न हैं, कई पुल एवं रास्ते बह गए हैं। इस कारण आपूर्ति श्रृंखला बाधित हो रही है। दार्जिलिंग, कालिम्पोंग, कुर्सेओंग सहित कई पर्यटन स्थलों को भी बंद कर दिया गया है, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था और पर्यटन पर गहरा प्रभाव पड़ा है।
राज्य एवं केंद्र सरकार के अधिकारी दूरदराज क्षेत्रों में राहत एवं बचाव कार्य तेज कर रहे हैं। भारतीय सेना, राज्य आपदा नियंत्रण दल (SDRF), स्थानीय पुलिस, और एनडीआरएफ की टीमें प्रभावित इलाकों में सहायता पहुँचा रही हैं। आपात स्थिति के मद्देनज़र प्रशासन ने Orange Alert जारी किया है दार्जिलिंग, कालिम्पोंग और जलपाईगुड़ी में; अलीपुरद्वार में Red Alert किया गया है।
मौसम विभाग ने आगामी दिनों में भारी से बहुत भारी बारिश की संभावना जताई है। इसके साथ ही 30-40 किमी/घंटा की गति से हवाएं चलने, बिजली गिरने व गरज चमक की चेतावनी भी दी गई है। विभाग ने 7 अक्तूबर तक पहाड़ी इलाकों में खराब मौसम बने रहने की भविष्यवाणी की है। उफनती नदियाँ और भूस्खलन की आशंका बनी है, जिसका असर भूटान सहित सीमाई इलाकों पर भी पड़ सकता है।
राहत और बचाव कार्यों को सीमित पहुंच, बिगड़ी सड़कें, और आसमान से जारी बारिश ने जटिल बना दिया है। मलबा हटाना, घायल लोगों को निकालना, बरामदियों का अनुमान लगाना सभी कार्य कठिन हैं। पुनर्निर्माण कार्यों की शुरुआत तब ही हो सकती है जब मौसम की स्थिति सुधरे।
प्रशासन ने निवासियों और पर्यटकों को सलाह दी है कि वे अनावश्यक यात्रा न करें, ऊंचे क्षेत्रों में न जाएं और सरकार की निर्देशों एवं चेतावनियों का पालन करें। साथ ही, दूरसंचार एवं मार्गों को शीघ्र बहाल करने हेतु इंजीनियर्स की टीमें सक्रिय हैं।