एजेंसी, नई दिल्ली: उत्तराखंड के तपोवन निवासी सरिता के जीवन में कठिनाई तब आ गई जब उसकी मां का निधन हो गया और पिता बेरोजगार हो गए। इस स्थिति में उसकी तीन छोटी बहनों की पढ़ाई पूरी तरह रुक गई। परिवार की चिंता से व्यथित सरिता अपनी बहनों के भविष्य को लेकर जिलाधिकारी सविन बंसल के पास मदद की गुहार लेकर पहुंची।
सरिता ने जिलाधिकारी को बताया कि उनकी तीनों बहनें पढ़ाई से वंचित हो गई हैं। यह सुनकर DM सविन बंसल ने तुरंत कार्रवाई की। उन्होंने सरिता की तीनों बहनों का राजकीय प्राथमिक विद्यालय लाडपुर में दाखिला कराने के निर्देश दिए। बच्चियों को स्कूल में न केवल दाखिला मिला, बल्कि उन्हें किताबें, यूनिफार्म और जरूरी शिक्षण सामग्री भी उपलब्ध कराई गई।
हालांकि सवाल यह था कि सरिता अपनी तीन बहनों का भरण-पोषण कैसे करेगी। इस पर जिलाधिकारी ने महाप्रबंधक जिला उद्योग केंद्र को निर्देश दिया कि सरिता को रोजगारपरक प्रशिक्षण दिया जाए, ताकि वह आत्मनिर्भर बन सके और अपने परिवार का सहारा बन पाए। औपचारिकताओं के बाद सरिता जल्द ही प्रशिक्षण प्राप्त करेगी और रोजगार से जुड़ जाएगी।
जिलाधिकारी सविन बंसल ने कहा कि शिक्षा ही बच्चों के भविष्य को उज्जवल बना सकती है। हर बेटी को पढ़ाना प्रशासन की प्राथमिकता है और इस दिशा में कोई भी रुकावट बच्चियों के सपनों को थाम नहीं सकेगी।
इस तरह, जिलाधिकारी की संवेदनशील पहल ने न केवल तीनों बच्चियों की पढ़ाई को नया जीवन दिया, बल्कि सरिता को भी आत्मनिर्भर बनने का रास्ता दिखाया। यह कदम जिले में शिक्षा और समाज कल्याण के लिए एक प्रेरणादायक मिसाल है।
यह भी पढ़ें- Teachers' Day Hindi Speech: शिक्षक दिवस पर दमदार हिंदी भाषण...तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठेगा स्कूल