
डिजिटल डेस्क, नईदुनिया। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने साफ कहा है कि भारत किसी भी देश की शर्तों पर व्यापार समझौता नहीं करेगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि अमेरिका के साथ होने वाला संभावित व्यापार समझौता आपसी भरोसे और दीर्घकालिक साझेदारी को ध्यान में रखकर ही होगा, न कि किसी दबाव या जल्दबाजी में।
जर्मनी में एक कार्यक्रम के दौरान गोयल ने कहा कि भारत की कोशिश है कि व्यापार समझौता पूरी पारदर्शिता और संतुलन के साथ हो। यूरोपीय संघ के साथ भी वार्ता जारी है, वहीं अमेरिका के साथ भी लगातार बातचीत हो रही है। हालांकि, उन्होंने दोहराया कि भारत किसी तय समयसीमा या बाहरी दबाव में समझौता नहीं करेगा।
बातचीत लगभग अंतिम चरण में
वाणिज्य मंत्रालय से जुड़े वरिष्ठ सूत्रों के मुताबिक भारत-अमेरिका के बीच व्यापार समझौते को लेकर अधिकतर मुद्दों पर सहमति बन चुकी है। केवल कुछ बिंदु ही बाकी हैं। दोनों देशों के बीच पांच चरण की वार्ता पूरी हो चुकी है और नवंबर तक द्विपक्षीय व्यापार समझौते (BTA) के पहले चरण को पूरा करने का लक्ष्य है।
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कार्यभार संभालने के तुरंत बाद भारत के साथ बीटीए करने की घोषणा की थी। बातचीत की गति को देखते हुए यह माना जा रहा है कि नवंबर में समझौते का पहला चरण संभवतः पूरा हो जाएगा।
निवेश और व्यापार पर भी बातचीत
भारत ने अमेरिका से ज्यादा मात्रा में कच्चा तेल खरीदने का भरोसा दिया है। इसके अलावा निवेश और कृषि उत्पाद जैसे मक्का व सोयाबीन से जुड़े मसलों पर भी चर्चा हुई है। इन बिंदुओं पर सहमति बन जाने के बाद समझौता करने में मुश्किल नहीं आएगी।
वर्तमान में अमेरिका ने भारतीय निर्यात पर 50% तक शुल्क लगाया हुआ है, जिससे अगस्त से अमेरिकी बाजार में भारत का निर्यात घटा है। हालांकि, वैश्विक सप्लाई चेन में भारत की मजबूत स्थिति और बड़ा उपभोक्ता बाजार देखते हुए अमेरिका भी जल्द समझौते के पक्ष में है। हाल ही में प्रधानमंत्री मोदी के साथ बातचीत पर ट्रंप के बयान ने भी इसे और स्पष्ट किया है।