
डिजिटल डेस्क: नए क्रू ड्यूटी नियमों और नाइट-लैंडिंग प्रतिबंधों ने एयरलाइन सेक्टर में हलचल मचा दी है, लेकिन इसका सबसे गहरा प्रभाव इंडिगो पर पड़ा है। जबकि नियम सभी एयरलाइंस पर समान रूप से लागू किए गए हैं, इंडिगो (IndiGo Flights Cancelled) की फ़्लीट का आकार, संचालन का ढांचा और नाइट-टाइम उड़ानों की संख्या इसे अन्य प्रतिस्पर्धियों की तुलना में अधिक संवेदनशील बनाते हैं।
इंडिगो के ऑपरेशन का मूल आधार एक ऐसा मॉडल रहा है जिसमें हर एयरक्राफ़्ट और क्रू का उपयोग अधिकतम कुशलता से किया जाता है। यही कारण है कि जब पायलटों के ड्यूटी-टाइम और नाइट-लैंडिंग से जुड़े नियम सख्त हुए, तो इसका असर इंडिगो के नेटवर्क पर कहीं अधिक गहरा दिखाई दिया। आइए समझते हैं कि अन्य एयरलाइंस की तुलना में इंडिगो को अधिक दिक्कत क्यों झेलनी पड़ी।
इंडिगो भारत के घरेलू विमान सेवाओं के बड़े हिस्से का संचालन करता है। इतने विशाल नेटवर्क में किसी भी छोटी गड़बड़ी का असर पूरे देश में चेन-रिएक्शन की तरह फैल जाता है। फ़्लाइट की देरी, क्रू टाइमआउट या एक सेक्टर के कैंसल होने से कई कनेक्टिंग सेक्टर प्रभावित हो जाते हैं।
एयर इंडिया, विस्तारा और अकासा जैसी एयरलाइंस रात में कम सेक्टर ऑपरेट करती हैं। इसके उलट इंडिगो का नेटवर्क नाइट-टाइम हाई-फ्रिक्वेंसी सर्विस पर काफी निर्भर करता है। नए नाइट-लैंडिंग नियमों ने यह सीमित कर दिया कि एक पायलट जोड़ी एक शिफ्ट में कितनी फ़्लाइट ऑपरेट कर सकती है। यह बदलाव इंडिगो के लिए सीधे ऑपरेशन कम करने जैसी स्थिति बन गया।
An IndiGo Spokesperson says - We acknowledge that IndiGo’s operations have been significantly disrupted across the network for the past two days, and we sincerely apologize to our customers for the inconvenience caused. A multitude of unforeseen operational challenges including… pic.twitter.com/lTRd4ZckZt
— ANI (@ANI) December 3, 2025
इंडिगो लंबे समय से अपने क्रू का उपयोग ऐसे करता रहा है कि उनका डाउनटाइम बेहद कम और सक्रिय घंटों का अनुपात अधिक रहे। नए नियमों ने ड्यूटी टाइम सीमाओं को कठोर बनाया, जिससे पायलटों की उपलब्धता अचानक कम हो गई। परिणामस्वरूप, क्रू शेड्यूल में बड़े गैप पैदा हो गए जिन्हें तुरंत भरना संभव नहीं था।
छोटी फ्लाइट नेटवर्क वाली एयरलाइनों के पास अपना शेड्यूल पुनर्गठित करने की अधिक लचीलापन होता है। इंडिगो का कनेक्शन मैट्रिक्स विशाल और जटिल है, जिसमें स्लॉट बदलना, पायलट रोस्टर एडजस्ट करना या क्रू को अलग-अलग बेस पर री-रूट करना बेहद कठिन होता है। यही वजह है कि इंडिगो की रिकवरी अन्य एयरलाइंस की तुलना में धीमी दिख रही है।
इंडिगो ने कहा है कि वह ‘कैलिब्रेटेड एडजस्टमेंट’ करके नेटवर्क को स्थिर करने की कोशिश कर रहा है। एयरलाइन के अनुसार, लगभग 48 घंटों में स्थिति नियंत्रण में आ जाएगी। एयरलाइन सबसे अधिक प्रभावित रूट्स पर क्रू को पुनः तैनात कर रही है, नाइट शेड्यूल में बदलाव कर रही है और अंतिम समय की अव्यवस्था से बचने के लिए पहले से कैंसलेशन प्लान कर रही है।