By Arvind Dubey
Edited By: Arvind Dubey
Publish Date: Sun, 28 May 2023 10:08:20 AM (IST)
Updated Date: Sun, 28 May 2023 03:01:43 PM (IST)
New Parliament Inauguration Reactions: संसद (Parliament Building) का नया भवन वास्तु पूजा के साथ ही राष्ट्र को समर्पित कर दिया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) और लोकसभा स्पीकर (Loksabha Speaker) ने पूजा में हिस्सा लिया। पूरा देश इन ऐतिहासिक पलों का साक्षी बना। वहीं विपक्षी नेता विरोध करते रहे।
विपक्ष ने पहले ही इस कार्यक्रम का बहिष्कार करने का फैसला कर दिया था। विपक्ष की मांग थी कि पीएम मोदी क्यों संसद भवन का उद्घाटन कर रहे हैं, यह काम तो देश की प्रथम नागरिक राष्ट्रपति को करना चाहिए?
उद्घाटन के बाद भी विपक्षी नेताओं ने ट्वीट किए। हालांकि यूजर्स को यह कमेंट्स पसंद नहीं आए। अधिकांश पर लोगों ने तीखी प्रतिक्रिया दी। यहां पढ़िए रिएक्शन्स और सोशल मीडिया कमेंट्स
कांग्रेस ने अपने ट्वीटर हैंडल पर एक कार्टून शेयर किया, जिस पर बवाल मच गया है। कार्टून के जरिए यह दिखाने की कोशिश की गई है कि नेहरू बहुत बड़े नेता और प्रधानमंत्री थे और मोदी उनकी बराबरी नहीं कर सकते हैं। कार्टून सार्वजनिक होने के बाद यूजर्स भी तरह-तरह की प्रतिक्रिया दे रहे हैं। कुछ लोगोें ने याद दिलाया है कि नेहरू और अंग्रेजों के बीच कैसे संबंध थे।
भाजपा ने भी इसी शैली में जवाब दिया और एक इमेज शेयर करते हुए लिखा, यह है नेहरू का सच। भाजपा ने रील और रियल के जरिए जवाब दिया।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ट्वीट किया, संसद लोगों की आवाज है। प्रधानमंत्री संसद भवन के उद्घाटन को राज्याभिषेक समझ रहे हैं।
लालू यादव की पार्टी ने शर्मनाक ट्वीट किया। आरजेडी के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से एक फोटो शेयर की गई। इसमें संसद भवन की डिजाइन की तुलना ताबूत से की गई। लोगों को यह बात जरा भी पंसद नहीं आई। सोशल मीडिया पर लोगों का कहना है कि जिन्हें संसद भवन ताबूत लग रहा हो, वो यहां कदम ना रखें। वहीं भाजपा ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, आप (RJD) नजरबट्टू हैं, और कुछ नहीं।
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने ट्वीट किया, राष्ट्रपति, जो इस पद पर बैठने वाली पहली आदिवासी हैं, उन्हें अपने संवैधानिक कर्तव्यों को निभाने नहीं दिया जा रहा है। उन्हें 2023 में नए संसद भवन के उद्घाटन की इजाज़त नहीं दी गई। एक आत्ममुग्ध तानाशाह प्रधानमंत्री, जिसे संसदीय प्रक्रियाओं से नफ़रत है, जो संसद में कम ही उपस्थित रहता है या कार्यवाहियों में भाग लेता है, 2023 में नए संसद भवन का उद्घाटन कर रहा है।
जयराम रमेश के इस ट्वीट पर प्रतिक्रिया देते हुए एक यूजर ने लिखा, सावरकर जी को समझने में आपको 7 जन्म लग जाएंगे जयराम जी। आप और आपकी सोच गुलाम थी, गुलाम है और गुलाम ही रहेगी।
वहीं दलित नेता उदित राज ने कहा, देश का लोकतंत्र खतरे में है। राष्ट्रपति को अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए
मेरी उन सभी पार्टियो को खुली चुनौती है, जिसने नये संसद भवन के उद्घाटन का बहिष्कार किया है। अब इस नई संसद भवन में पैर मत रखना।
अब आप कुछ भी बोलते रहो संसद भवन का उद्घाटन हो चुका है, अगर आपको संतुष्टि नहीं मिली है तो जब आप प्रधानमंत्री बनोगे तब दोबारा से संसद भवन बना लेना फिर उद्घाटन करवा लेना।
इनको गोमुख स्ट्रक्चर के बारे में कुछ पता नहीं और अपने आप को भगवान श्री कृष्ण के वंशजों की पार्टी बोलते हैं। कर्मों का फल वापस मिलता है। आज ये नए संसद भवन का बहिष्कार कर रहे हैं कहीं ऐसा ना हो कि संसद भवन में जाने को तरस जाएं।