एजेंसी, पटना। विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर एनडीए में सीट शेयरिंग का फॉर्मूला अगले हफ्ते-दस दिनों में तय होने की उम्मीद है। इससे पहले जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पार्टी के संभावित प्रत्याशियों को लेकर तेज़ी से फीडबैक लेना शुरू कर दिया है। शुक्रवार को उन्होंने करीब 400 लोगों से मुलाकात की। यह सिलसिला आने वाले दिनों में और भी गति पकड़ने वाला है।
टिकट के लिए आधार
लोगों से मिल रहा फीडबैक ही जदयू टिकट के लिए सबसे बड़ा आधार माना जा रहा है। इस प्रक्रिया में स्थानीय कार्यकर्ताओं से सीधे बातचीत की जा रही है, ताकि यह समझा जा सके कि विधायकों को लेकर जनता में नाराज़गी किस हद तक है।
जदयू के कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय झा और प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा भी इस पूरी प्रक्रिया पर नोट बना रहे हैं। मुलाकात के दौरान कुछ लोगों ने अपनी उम्मीदवारी की बात भी रखी।
पार्टी सूत्रों के अनुसार, फिलहाल जदयू नेतृत्व मौजूदा विधायकों को बड़े पैमाने पर बेटिकट करने के मूड में नहीं है। जिन विधायकों पर शिकायतें हैं, उनसे सीधी बातचीत कर सुधार की अपेक्षा जताई जाएगी। हालांकि, करीब दस सीटों पर नए प्रत्याशियों को मौका देने की संभावना है।
फीडबैक प्रक्रिया के दौरान यह भी देखा जा रहा है कि हाल ही में शुरू की गई योजनाओं को लेकर जनता क्या सोच रखती है। साथ ही पार्टी यह भी परख रही है कि कौन-सी योजनाएँ सभी वर्गों तक पहुँचने में कारगर साबित हुई हैं।
हारे प्रत्याशियों को मौका
कुछ समय पहले हुई जिला प्रभारियों की बैठक में भी संभावित प्रत्याशियों और मौजूदा विधायकों को लेकर राय ली गई थी। उस दौरान यह सुझाव भी आया था कि 2020 में चुनाव हार चुके कुछ उम्मीदवारों को दोबारा मौका दिया जाना चाहिए। जदयू सूत्रों ने बताया कि नीतीश कुमार से मिलने वाले कई नेताओं और कार्यकर्ताओं ने लंबा कार्यकाल पूरा कर चुके विधायकों की जगह युवाओं को टिकट देने की मांग भी की है।