भारत में ऑनलाइन मनी गेमिंग पर रोक (Online Money Gaming Bill) से जुड़ा विधेयक संसद से पारित होने के बाद आज अधिसूचित हो सकता है। सरकार ने राष्ट्रपति की मंजूरी मिलते ही इसे लागू करने की तैयारी पूरी कर ली है। इससे पहले ही विन्जो (Winzo) और ड्रीम11 Dream11) जैसी प्रमुख गेमिंग कंपनियों ने अपनी मनी गेमिंग सेवाओं को बंद करना शुरू कर दिया है। नए कानून से ई-स्पोर्ट्स और सोशल गेम्स को बढ़ावा मिलने की उम्मीद जताई जा रही है, हालांकि टैक्स और युवाओं पर असर की चिंता भी है।
25 करोड़ से अधिक यूजर्स वाली गेमिंग कंपनी विन्जो ने 22 अगस्त से अपनी मनी गेमिंग सेवाएं बंद करने का ऐलान किया है। इसके अलावा ड्रीम11 और रमी सर्किस जैसी कंपनियों ने भी नए कानून को देखते हुए अपने प्लेटफॉर्म से मनी गेम्स हटाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
सरकार का जोर ई-स्पोर्ट्स और सोशल गेमिंग पर है। नए कानून के तहत पारंपरिक भारतीय खेलों और मनोरंजन से जुड़े गेम्स को ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर बढ़ावा मिलेगा। इससे लीगल गेमिंग कंपनियां उत्साहित हैं। ई-गेमिंग फेडरेशन के सीईओ अनुराग सक्सेना का कहना है कि पारदर्शी कानून ऑनलाइन गेमिंग के संतुलित और सुरक्षित विकास को बढ़ावा देगा।
साइबर कानून विशेषज्ञ विराग गुप्ता का मानना है कि हालांकि ई-स्पोर्ट्स और सोशल गेम्स को संस्थागत बढ़ावा मिलेगा, लेकिन टैक्स चोरी, सट्टेबाजी और युवाओं पर नकारात्मक असर को रोकने के लिए पर्याप्त प्रावधान नहीं हैं। उनका कहना है कि कई कंपनियां सोशल गेमिंग के जरिए अप्रत्यक्ष रूप से मनी गेमिंग जारी रख सकती हैं। इस कानून को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती मिलने की भी संभावना है।
भारत ऑनलाइन गेमिंग बाजार में तेजी से उभर रहा है। दुनिया में सबसे बड़ा बाजार अमेरिका (140 बिलियन डॉलर) और उसके बाद चीन (137 बिलियन डॉलर) का है। जापान, इंग्लैंड, साउथ कोरिया और जर्मनी के बाद भारत 10 बिलियन डॉलर के कारोबार के साथ सातवें स्थान पर है। यही वजह है कि वैश्विक कंपनियों की नजर भारत पर टिकी हुई है।
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