आदित्य एल-1 में लगे सेंसर भेज रहे नया डाटा, इसरो ने शेयर की यह बड़ी बात
ISRO Aditya L-1: आदित्य एल-1 द्वारा भेजे जा रहे डाटा से धरती के आस-पास के क्षेत्र में कणों के व्यवहार का अध्ययन करने में मदद मिलेगी।
By Prashant Pandey
Edited By: Prashant Pandey
Publish Date: Mon, 18 Sep 2023 08:01:31 PM (IST)
Updated Date: Mon, 18 Sep 2023 08:06:47 PM (IST)
आदित्य एल 1 इसरो को भेज रहा है डाटा।HighLights
- इसरो ने सोशल मीडिया एक्स पर शेयर की जानकारी।
- 10 सितंबर को एक्टिव किए गए थे आदित्य एल-1 में लगे सेंसर।
- पृथ्वी से 50 हजार किमी से भी आगे पहुंचा।
ISRO Aditya L-1: बेंगलुरु। इसरो द्वारा सूर्य के अध्ययन के लिए भेजा गया आदित्य एल-1 सैटलाइट अभी पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण क्षेत्र में ही है। हालांकि इसने इसरो सेंटर को डाटा भेजना शुरू कर दिया है। वैज्ञानिकों ने इसका अध्ययन भी शुरू कर दिया है। इसरो ने सोशल मीडिया एक्स हैंडपर पर इस बात की जानकारी शेयर की है। बताया जा रहा है कि आदित्य एल-1 द्वारा भेजे जा रहे डाटा से धरती के आस-पास के क्षेत्र में कणों के व्यवहार का अध्ययन करने में मदद मिलेगी।
इसरो ने जानकारी शेयर करते हुए बताया कि आदित्य एल-1 में लगे सुप्रा थर्मल एंड एनर्जेटिक पार्टिकल स्पेक्ट्रोमीटर (स्टेप्स) के सेंसर ने धरती के आस-पास सुपर-थर्मल के साथ ही ऊर्जावान आयनों व इलेक्ट्रान का अध्ययन शुरू कर दिया है।
10 सितंबर को एक्टिव किए गए थे सेंसर
इसरो ने आदित्य एल-1 के सेंसर्स को 10 सितंबर के दिन एक्टिव किया था, इस दौरान यह पृथ्वी से करीब 50 हजार किमी दूर पहुंच चुका था। इसमें लगे सेंसर पृथ्वी के पास के आर्बिट में पहुंचते ही एक्टिव होकर आस-पास के इलेक्ट्रान और आयनों को मापते रहेंगे।
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पृथ्वी की ग्रेविटी से बाहर निकलने के बाद आदित्य-एल-1 में क्रूज स्टेप शुरू हो जाएगा। इसरो के अनुसार आदित्य एल-1 द्वारा भेजे जा रहे डाटा से अंतरिक्ष के मौसम की जानकारी के साथ सौर हवा के बारे में भी नई जानकारियां मिलेंगी। स्टेप्स को अहमदाबाद के अंतरिक्ष अनुप्रयोग केंद्र की मदद से भौतिक अनुसंधान प्रयोगशाला ने बनाया है। इसमें 6 सेंसर लगाए गए हैं।