
डिजिटल डेस्क, नईदुनिया। गुनाहों की दुनिया अब महज फिल्मों तक सीमित नहीं रही। जेल की सलाखों के पीछे बैठा लॉरेंस बिश्नोई आज भी एक ऐसे गैंग को चला रहा है, जिसका नेटवर्क भारत से निकलकर कनाडा तक फैल चुका है। इसी कारण कनाडा ने उसके गिरोह को हाल ही में आतंकवादी संगठन घोषित कर दिया है। इसका सीधा असर यह होगा कि वहां मौजूद उसकी संपत्तियां, वाहन और रियल एस्टेट जब्त किए जा सकते हैं।
कनाडा के प्रधानमंत्री ने साफ संदेश दिया है कि हिंसा और आतंक को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और किसी भी गैंगस्टर पर अब रहम नहीं होगा।
बिश्नोई गैंग के काले कारनामे
लॉरेंस और उसके गुर्गों का नाम कई हाई-प्रोफाइल वारदातों से जुड़ा है।
इन घटनाओं ने साबित कर दिया कि यह गैंग भारत की सीमाओं से बहुत आगे बढ़ चुका है।
लॉरेंस बिश्नोई: अपराध की दुनिया का किंगपिन
1993 में पंजाब के अबोहर के पास जन्मे लॉरेंस बिश्नोई के पिता हरियाणा पुलिस में कांस्टेबल रहे। पढ़ाई के दौरान वह छात्र राजनीति से होते हुए अपराध जगत में पहुंचा। पंजाब यूनिवर्सिटी, चंडीगढ़ में उसकी मुलाकात गोल्डी बराड़ से हुई, जिसने कनाडा में उसका नेटवर्क संभाला।
अगस्त 2023 में उसे 195 करोड़ की ड्रग तस्करी केस में पकड़ा गया और वह जेल में बंद है। बावजूद इसके वह मोबाइल और एन्क्रिप्टेड एप्स के जरिए गैंग को आदेश देता है। सूत्रों के अनुसार, उसके करीब 700 शूटर सक्रिय रहते हैं।
क्राइम सिंडिकेट की तरह चलता गैंग
बिश्नोई गैंग को प्रोफेशनल क्राइम सिंडिकेट की तरह ऑपरेट किया जाता है। इसमें लॉजिस्टिक्स, लीगल और इंटेलिजेंस यूनिट्स काम करती हैं, जो पूरे ऑपरेशन को सुरक्षित रखती हैं।
कनाडा की सख्ती का असर
कनाडा सरकार ने आतंकवादी संगठन घोषित कर दिया है। इसका मतलब है कि गैंग की संपत्तियां जब्त होंगी, सदस्यों को प्रवेश से रोका जाएगा और फंडिंग के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
गोल्डी बराड़ से दूरी और भविष्य की चुनौतियां
2024 में लॉरेंस और गोल्डी बराड़ के बीच खटास आ गई। वजह थी उसका छोटा भाई अनमोल, जिसे अमेरिका में अवैध प्रवेश पर पकड़ा गया था। लॉरेंस को लगा कि बराड़ ने मदद नहीं की। अब सवाल है कि भारत और कनाडा की एजेंसियों की संयुक्त कार्रवाई के बाद क्या लॉरेंस गैंग का साम्राज्य ढह जाएगा, या फिर यह अपराध की दुनिया में नई चालें चलकर खुद को बचा लेगा।