Mahakal Mandir Ujjain: महाकाल मंदिर के स्वर्ण शिखर की चमक फीकी पड़ी, साफ करने के बजाए सोने की पॉलिश करना होगी
बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन से खबर है कि यहां मंदिर के शिखर पर स्थापित कलश की चमक फीकी पड़ने लगी है। अब कलश को दोबारा चमकाने की मांग उठ रही है। लोगों का कहना है कि साफ-सफाई से काम नहीं चलेगी, बल्कि इस पर सोने की पॉलिश करवाना होगी।
Publish Date: Sun, 12 Jan 2025 01:13:20 PM (IST)
Updated Date: Sun, 12 Jan 2025 01:13:20 PM (IST)
वर्ष 2007 में स्वर्णिम आभा से दमकता महाकाल मंदिर शिखर। वर्तमान में पूरी तरह फीकी पड़ चुकी चमक। (फोटो - नईदुनिया)HighLights
- धूप, हवा और बारिश से सोने की परत खो रही आभा
- पुराने स्वरूप में लाने के लिए सफाई व पॉलिश जरूरी
- अभी साल के कुछ प्रमुख दिनों पर होती है सफाई
नईदुनिया, उज्जैन : ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर के स्वर्ण शिखर की चमक फीकी पड़ती जा रही है। लगातार धूप, हवा व बारिश के संपर्क में रहने से शिखर पर की गई सोने की परत अपनी आभा खो रही है। शिखर को पुराने स्वरूप में लाने के लिए सोने की सफाई व पॉलिश की आवश्यकता है।
बताया जाता है डेढ़ अरब रुपये की सालाना आय वाले मंदिर में चांदी, सोने की सफाई का काम भी दानदाता के भरोसे है। ऐसे में समय पर शिखर की सफाई नहीं हो पा रही है।
400 साल पहले हुआ था महाकालेश्वर मंदिर का जीर्णोद्धार
- सिंधिया राजवंश द्वारा करीब 400 साल पहले महाकालेश्वर मंदिर का जीर्णोद्धार कराया गया था। राजवंश के दीवान रामचंद्र शेंडवी के मार्गदर्शन में मंदिर का निर्माण हुआ है।
- मंदिर का शिखर नागर शैली में बनाया गया है, इसमें मुख्य शिखर के अलावा छोटी-छोटी 110 शिखरियां बनी हुई हैं। ढाई दशक पहले तक मंदिर का मुख्य शिखर ही स्वर्ण मंडित था।
- इसके बाद वर्ष 2006-08 के बीच मंदिर समिति ने स्वर्ण शिखर योजना अंतर्गत दानदाताओं के माध्यम से 110 शिखरियों को स्वर्ण मंडित कराया था। उस सयम मंदिर का शिखर स्वर्णिम आभा से दमकता था।
- बाद में इसकी चमक फीकी पड़ती गई। समय-समय पर शिखर की सफाई की जाती है, लेकिन स्वर्ण मंडित हिस्से की कभी सफाई नहीं हुई। अब भक्तों द्वारा मांग की जा रही है कि कलश की व्यवस्थित सफाई करवाई जाए।
दान से होती है चांदी की सफाई
महाकाल मंदिर में महाशिवरात्रि, श्रावण, दीपावली आदि पर्व त्योहारों के समय गर्भगृह की छत पर लगे चांदी के रूद्र मंत्र, रजत मंडित दीवार तथा चांदी द्वार की हर्बल केमिकल से साफ सफाई कराई जाती है। दिल्ली के एक दानदाता द्वारा इस काम को निशुल्क किया जाता है, हालांकि इस मामले में सवाल भी उठते रहे हैं।