धर्म डेस्क, इंदौर। अप्रैल 2025 में ग्रहों के महत्वपूर्ण गोचर कई राशियों के जातकों के जीवन पर गहरा असर डालने जा रहे हैं। ज्योतिषीय गणनाओं के अनुसार चंद्र, मंगल, बुध, शुक्र और सूर्य जैसे ग्रहों की चाल कई राशियों के लिए सकारात्मक और नकारात्मक परिणाम लेकर आएगी।
जहां कुछ राशियों को चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा, तो वहीं कुछ के लिए यह अवधि सफलता और सम्मान की होगी। आइए जानते हैं इन गोचरों का प्रभाव और उपाय...।
दिनांक 3 अप्रैल 2025 को रात्रि 1 बजकर 35 मिनट पर चंद्रमा कर्क राशि में प्रवेश करेंगे, जहां सेनापति ग्रह मंगल 7 जून 2025 तक नीच अवस्था में रहेंगे। यह गोचर कर्क राशि के जातकों के लिए नकारात्मक रहेगा। जातक शारीरिक कमजोरी, मानसिक अवसाद और हीन भावना से ग्रस्त हो सकते हैं। आर्थिक हानि और मन में भय की स्थिति पैदा हो सकती है। इस दौरान जल्दबाजी में निर्णय लेने से बचें।
उपाय: हनुमान मंगल कवच का पाठ करें। रोज हनुमान जी के दर्शन कर दीप जलाएं। गुड़-चने का दान करें।
7 अप्रैल 2025 को संध्या 4 बजकर 10 मिनट पर ग्रहों के राजकुमार बुध मीन राशि में मार्गी होंगे। यह गोचर मीन राशि के जातकों के लिए नकारात्मक फल देगा। डिप्रेशन, विश्वासघात और अकेलापन इस अवधि में परेशान कर सकता है। नकारात्मक विचारों के कारण आत्मविश्वास में कमी आएगी। आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ सकता है। स्वास्थ्य संबंधी चिंताएं व अनावश्यक विवाद भी संभव हैं।
उपाय: धैर्य रखें, गणेश अथर्वशीर्ष का पाठ करें, गणेश जी की आरती करें।
13 अप्रैल 2025 को प्रातः 5 बजकर 42 मिनट पर शुक्र ग्रह मीन राशि में मार्गी होंगे। यह गोचर मीन राशि के जातकों के लिए सामान्य रहेगा। जातक अपने रहन-सहन और बाहरी सौंदर्य पर अधिक खर्च कर सकते हैं, जिससे आर्थिक तंगी हो सकती है। गुप्त कार्यों में धन व्यय और विपरीत लिंग के प्रति आकर्षण बढ़ेगा। मन में नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव रह सकता है।
उपाय: लक्ष्मी माता की आरती करें, सफेद मिठाई का भोग लगाकर कन्याओं में बांटें और कमलगट्टे की माला धारण करें।
14 अप्रैल 2025 को ग्रहों के राजा सूर्य मंगल की राशि मेष में गोचर करेंगे। यह गोचर मेष राशि के जातकों के लिए शुभ रहेगा। प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता, रुके हुए सरकारी कार्यों में प्रगति और सरकार से आर्थिक सहायता मिल सकती है। फिल्म इंडस्ट्री या राजनीति में करियर बनाने वालों को लाभ होगा। मान-सम्मान में वृद्धि और प्रभावशाली लोगों से संपर्क बढ़ेगा। हालांकि, अहंकार और क्रोध पर नियंत्रण रखना जरूरी है।
उपाय: इस अवधि में जातक को आदित्य हृदय स्त्रोत का पाठ करना चाहिए। सूर्य भगवान को घी से अर्ग देकर लाल पुष्प अर्पित करने चाहिए।