धर्म डेस्क, इंदौर। वैदिक पंचांग के अनुसार, चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि 30 मार्च को हिंदू नववर्ष और चैत्र नवरात्र की शुरुआत होगी। मध्य प्रदेश में ग्वालियर के ज्योतिषाचार्य सुनील चोपड़ा ने बताया कि इसी दिन से विक्रम संवत 2082 की शुरुआत होगी।
नवसंवत्सर रविवार के दिन से शुरू हो रहा है, ऐसे में इस साल का राजा ग्रह सूर्य होंगे और नवसंवत्सर का नाम होगा सिद्धार्थ। वैसे भी सूर्य को ग्रहों का राजा माना जाता है।
हिंदू नववर्ष के दिन से ब्रह्माजी ने सृष्टि की रचना भी शुरू की थी। भगवान श्रीराम और धर्मराज युधिष्ठिर का राज्याभिषेक भी इसी दिन हुआ था।
ज्योतिषियों के मुताबिक, इस संवत्सर का नाम सिद्धार्थ होगा। यह हमारे जीवन में कई सकारात्मक चीजें लाएगा। नवसंवत्सर को देश की कई राज्यों में अलग-अलग नाम और तरीके से मनाया जाता है। जैसे- गुड़ी पड़वा, चेटी चंड, युगादि, नव संवत्सर आदि।
ज्योतिष गणना के अनुसार, इस संवत में सूर्य, चंद्रमा, शनि, बुध, शुक्र और राहु ग्रहों की युति बनने जा रही है। इसके अलावा बुधादित्य और राजयोग का भी निर्माण हो रहा है, जिसका शुभ असर राशि के जातकों पर पड़ेगा। कई दुर्लभ संयोग से मकर और मिथुन राशि के जातकों की किस्मत चमक सकती है और शुभ परिणाम मिलेंगे।
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