
धर्म डेस्क। बृहस्पति ग्रह को नवग्रहों में सबसे बड़ा और सबसे शुभ माना जाता है। इसे गुरु ग्रह कहा जाता है, क्योंकि यह देवताओं के गुरु और ज्ञान, धर्म, अध्यात्म, शिक्षा, भाग्य और समृद्धि के प्रतीक माने जाते हैं।
11 नवंबर 2025 की शाम 6:31 बजे गुरु ग्रह कर्क राशि में वक्री हो रहे हैं। इससे पहले वे अतिचारी होकर इस राशि में प्रवेश कर चुके थे। अब 5 दिसंबर तक वे उल्टी चाल में रहेंगे। ज्योतिष के अनुसार, इस दौरान गुरु की स्थिति का हर राशि पर अलग प्रभाव होगा। कुछ राशियों के लिए यह काल धन, सफलता और रिश्तों में सुधार लेकर आएगा।
राशियों पर इसका क्या होगा असर
मेष राशि
गुरु की वक्री चाल मेष राशि वालों के लिए भाग्यशाली साबित हो सकती है। अचानक आर्थिक लाभ, नौकरी में बदलाव या नया अवसर मिलने के योग हैं। व्यापारियों को नए प्रोजेक्ट या सौदे से फायदा हो सकता है।
वृषभ राशि
व्यापार में उन्नति और आर्थिक लाभ के संकेत हैं। नई योजनाओं से फायदा मिलेगा।
मिथुन राशि
नौकरी और प्रमोशन के मौके बनेंगे, समाज में प्रतिष्ठा बढ़ेगी।
कर्क राशि
शुभ समय रहेगा। प्रभावशाली लोगों की कृपा से भाग्योदय के अवसर मिलेंगे।
सिंह राशि
शिक्षा और शोध से जुड़े लोगों के लिए सफलता का समय। आय-व्यय में संतुलन बना रहेगा।
कन्या राशि
विवाह और पारिवारिक मांगलिक कार्यों के योग हैं। व्यापार में तरक्की मिलेगी।
तुला राशि
रोग, ऋण और शत्रु से सतर्क रहें। निवेश सोच-समझकर करें।
वृश्चिक राशि
संतान और मित्रों का सहयोग मिलेगा। किसी परीक्षा या चयन में सफलता संभव।
धनु राशि
मकान, वाहन और सामाजिक मान-सम्मान में वृद्धि के योग।
मकर राशि
अति भागदौड़ से बचें। धार्मिक और पारिवारिक कार्यों में मन लगेगा।
कुंभ राशि
आर्थिक स्थिति मजबूत होगी, धन योग बनेंगे।
मीन राशि
मान-सम्मान और पारिवारिक सौख्य में वृद्धि। शुभ कार्यों की पूर्णता के संकेत।
क्या है गुरु वक्री
ज्योतिष शास्त्र में गुरु (बृहस्पति) का वक्री होना अत्यंत प्रभावशाली माना जाता है। यह स्थिति अक्सर आत्मचिंतन, जीवन सुधार और नई शुरुआत का संकेत देती है। गुरु धनु और मीन राशियों के स्वामी हैं और जब ये वक्री होते हैं, तो व्यक्ति के जीवन में सोच, कर्म और भाग्य से जुड़ी नई ऊर्जा लेकर आते हैं।