
धर्म डेस्क। अगर आप खाटू श्याम जी के दर्शन की योजना बना रहे हैं, तो कुछ बातें हैं जिनका ध्यान रखना बेहद जरूरी है। इन नियमों और परंपराओं का पालन करने से न केवल यात्रा सफल मानी जाती है, बल्कि भक्तों को श्याम बाबा की विशेष कृपा भी प्राप्त होती है। आइए जानते हैं, खाटू श्याम मंदिर दर्शन से जुड़ी जरूरी बातें।
इन जगहों पर जरूर जाएं दर्शन से पहले
कई श्रद्धालु खाटू श्याम मंदिर तक पहुंचने के लिए रिंगस से निशान उठाकर पैदल यात्रा करते हैं। मान्यता है कि ऐसा करने से श्याम बाबा भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं।
मंदिर से लगभग एक किलोमीटर की दूरी पर श्याम कुंड स्थित है, जिसका विशेष महत्व बताया गया है। कहा जाता है कि इस कुंड में स्नान किए बिना खाटू श्याम यात्रा अधूरी रहती है। इसलिए दर्शन से पहले इस पवित्र कुंड में स्नान जरूर करना चाहिए।
इन दिनों में करना सबसे शुभ होता है दर्शन
हर महीने की एकादशी और द्वादशी तिथि पर खाटू श्याम जी के दर्शन करना अत्यंत शुभ माना जाता है। विशेष रूप से फाल्गुन मास की आमलकी एकादशी को श्याम बाबा का जन्मदिवस माना जाता है। इस दिन मंदिर में दर्शन करने से भक्तों को विशेष पुण्य प्राप्त होता है।
इसके अलावा, कुछ परंपराओं के अनुसार कार्तिक महीने की देवउठनी एकादशी को भी खाटू श्याम जी का जन्मदिन माना जाता है। इसलिए इन दोनों अवसरों पर मंदिर में दर्शन करना अत्यंत फलदायी माना गया है।
खाटू श्याम जी को चढ़ाएं ये प्रिय भेंट
खाटू श्याम जी को गुलाब के फूल, इत्र और नारियल अर्पित करना शुभ माना गया है। इसके साथ ही भोग के रूप में गाय के दूध से बनी मिठाइयां, खीर और चूरमा चढ़ाने की परंपरा है। ये सभी भोग श्याम बाबा को अत्यंत प्रिय हैं। मान्यता यह भी है कि खिलौने अर्पित करने से संतान सुख की प्राप्ति होती है।